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रूप गोस्वामी

1493 - 1564

रूप गोस्वामी के उद्धरण

पृथ्वी पर भारत उत्तम है, उसमें भी मधुपुरी सुंदर है, उसमें वृंदावन श्रेष्ठ है और उसमें भी रासस्थली यमुना का किनारा उत्तम है।

जब तक भोग और मोक्ष की वासना रूपिणी पिशाची हृदय में बसती है, तब तक उसमें भक्ति-रस का आविर्भाव कैसे हो सकता है।

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