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प्रभात रंजन

1970 | सीतामढ़ी, बिहार

सुपरिचित कहानीकार-अनुवादक। 'जानकी पुल' कहानी के लिए चर्चित।

सुपरिचित कहानीकार-अनुवादक। 'जानकी पुल' कहानी के लिए चर्चित।

प्रभात रंजन का परिचय

जन्म : 03/11/1970 | सीतामढ़ी, बिहार

कथाकार और अनुवादक प्रभात रंजन का जन्म 3 नवंबर 1970 को बिहार के सीतामढ़ी ज़िले के एक गाँव में हुआ। दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से हिंदी में पीएच.डी. की। वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज (सांध्य) में हिंदी के प्रोफ़ेसर के रूप में कार्यरत हैं। वह कई वर्षों से एक ऑनलाइन साहित्यिक वेबसाइट 'जानकीपुल' चलाते हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में 'बहुवचन' और अँग्रेज़ी पत्रिका 'हिंदी' के संपादक के रूप में की। बाद में प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक 'जनसत्ता' के सहायक संपादक के रूप में भी काम किया।

प्रमुख कृतियाँ :- दो कहानी-संग्रह—'जानकी पुल’ और 'बोलेरो क्लास’; 'नीम का पेड़’ (राही मासूम रज़ा लिखित धारावाहिक का उपन्यास के रूप में रूपांतरण); 'स्वच्छंद’ (सुमित्रानंदन पंत की कविताओं के संचयन का अशोक वाजपेयी और अपूर्वानंद के साथ संपादन); 'टेलीविज़न लेखन’ (असग़र वजाहत के साथ सह-लेखन); 'एंकर रिपोर्टर’ (पुण्य प्रसून वाजपेयी के साथ सह-लेखन); 'जादुई यथार्थ का जादूगर मार्केज़’ (गाब्रियल गार्सिया मार्केज़ के जीवन और लेखन पर एकाग्र हिंदी में पहली पुस्तक); 'कोठागोई’—(मुज़फ़्फ़रपुर की तवायफ़ संस्कृति पर एकाग्र पुस्तक विशेष चर्चित)।

अभी हाल ही में 'क़िस्साग्राम' नाम से एक कथा-कृति प्रकाशित।

अनुवाद :- अनुवाद की लगभग 25 पुस्तकें प्रकाशित, जिनमें देवदत्त पट्टनायक की पुस्तक 'राम की गाथा’, मोहसिन हामिद का उपन्यास 'जल चुके परवाने कई’, ख़ुशवंत सिंह की किताब 'ख़ुशवंतनामा’, दिलीप कुमार की आत्मकथा 'वजूद और परछाईं’, सत्य नडेला की पुस्तक 'हिट रिफ़्रेश’ और आर. रघुराम राजन की पुस्तक 'आई डू व्हाट आई डू’ आदि प्रमुख हैं।

पुरस्कार/सम्मान :- 'जानकी पुल’ कहानी के लिए ‘सहारा समय कथा सम्मान’, 'जानकी पुल’ कहानी-संग्रह’ के लिए ‘प्रेमचंद कथा सम्मान’, ‘कृष्ण बलदेव फेलोशिप’, ‘एबीपी न्यूज़ सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर सम्मान’, 'कोठागोई’ पुस्तक के लिए जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में ‘द्वारकाप्रसाद अग्रवाल युवा लेखक पुरस्कार’।

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