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लवली गोस्वामी

धनबाद, झारखंड

नई पीढ़ी की कवयित्री। ‘प्राचीन भारत में मातृसत्ता और यौनिकता’ शीर्षक पुस्तक उल्लेखनीय।

नई पीढ़ी की कवयित्री। ‘प्राचीन भारत में मातृसत्ता और यौनिकता’ शीर्षक पुस्तक उल्लेखनीय।

लवली गोस्वामी का परिचय

लवली गोस्वामी का जन्म 5 जनवरी 1987 को हुआ। वह मूलतः दर्शन और मिथक शास्त्र की स्वतंत्र टिप्पणीकार एवं कवयित्री हैं। कुछ वर्ष पूर्व प्रकाशित उनकी पुस्तक 'प्राचीन भारत में मातृसत्ता और यौनिकता' चर्चा में रही थी। वह सैद्धांतिक लेखन में सक्रिय हैं, साथ ही उनकी कविता-यात्रा भी जारी है।

पिछले कुछ बरसों में जिन नए कवियों ने हिंदी के गंभीर पाठक वर्ग का ध्यान अपनी ओर खींचा है, उनमें लवली गोस्वामी प्रमुख हैं। उनकी आरंभिक कविताओं से ही उनकी रचनात्मकता की ओर ध्यान आकृष्ट हुआ है। प्रेम उनकी कविताओं का मुख्य स्वर कहा गया है जहाँ मृत्युबोध भी एक अंतर्धारा की तरह उनमें लगातार बहता है। 

‘उदासी मेरी मातृभाषा है’ हाल ही में प्रकाशित उनका पहला काव्य-संग्रह है। इस संग्रह से पूर्व उनकी कविताएँ आजकल, वसुधा, ज्ञानोदय, पूर्वग्रह, हंस, कथादेश, अहा ज़िंदगी, सदानीरा, समावर्तन आदि पत्रिकाओं और वेब माध्यमों पर प्रमुखता से प्रकाशित होती रही हैं। वह इन दिनों एक उपन्यास पर भी सृजनरत हैं। 

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