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नवें दशक में उभरे कवि-लेखक। वैचारिक प्रतिबद्धता के लिए उल्लेखनीय।

नवें दशक में उभरे कवि-लेखक। वैचारिक प्रतिबद्धता के लिए उल्लेखनीय।

लाल्टू का परिचय

मूल नाम : हरजिंदर सिंह

जन्म : 10/12/1957 | कोलकाता, पश्चिम बंगाल

नवें दशक में सामने आए सुपरिचित कवि लाल्टू का जन्म 10 दिसंबर 1957 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ। वह कविता, कहानी, पत्रकारिता, अनुवाद, नाटक, बाल साहित्य, नवसाक्षर साहित्य आदि विधाओं में समानांतर रूप से सक्रिय रहे हैं। पेशेवर रूप से वह सैद्धांतिक प्रकृति विज्ञान विषय के प्राध्यापक हैं।

‘एक झील थी बर्फ की’, ‘डायरी में तेईस अक्तूबर’, ‘लोग ही चुनेंगे रंग’, ‘सुंदर लोग और अन्य कविताएँ’, ‘नहा कर नहीं लौटा है बुद्ध’, ‘कोई लकीर सच नहीं होती’ और ‘चुपचाप अट्टहास’ उनके काव्य-संग्रह हैं। ‘भैया ज़िंदाबाद’ उनकी बाल कविताओं का संग्रह है जबकि कहानी-संग्रह ‘घुघनी’ शीर्षक से प्रकाशित है। इसके अतिरिक्त, उनकी चार सौ से अधिक मौलिक कविताएँ और तीस से अधिक कहानियाँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। उन्होंने अँग्रेज़ी, पंजाबी और बांग्ला से महत्त्वपूर्ण रचनाओं का अनुवाद भी किया है। हिंदी, पंजाबी और अँग्रेज़ी भाषा में समसामयिक विषयों और विज्ञान पर उनके सौ से अधिक आलेख और पुस्तक समीक्षाएँ भी प्रकाशित हुई हैं। वह अपने ब्लॉग ‘आइए हाथ उठाएँ हम भी’ पर भी सक्रियता रखते हैं।   

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