noImage

गरीबदास

1717 - 1778 | रोहतक, हरियाणा

रीतिकालीन संत। ग़रीब पंथ के प्रवर्तक। राम-रहीम में अभेद और सर्वधर्म समभाव के पक्षधर। कबीर के स्वघोषित शिष्य।

रीतिकालीन संत। ग़रीब पंथ के प्रवर्तक। राम-रहीम में अभेद और सर्वधर्म समभाव के पक्षधर। कबीर के स्वघोषित शिष्य।

Recitation

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए