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बद्री नारायण

1965 | भोजपुर, बिहार

सुपरिचित कवि-विचारक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

सुपरिचित कवि-विचारक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

बद्री नारायण का परिचय

मूल नाम : बद्री नारायण

जन्म : 05/10/1965 | भोजपुर, बिहार

हिंदी के प्रतिष्ठित कवि-लेखक बद्री नारायण का जन्म 5 अक्टूबर 1965 को बिहार के भोजपुर में हुआ। बद्री नारायण जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ़ डिस्क्रिमिनेशन एंड एक्सक्लूज़न’ में प्रोफ़ेसर भी रहे हैं। उन्होंने येल विश्वविद्यालय में विज़िटिंग प्रोफ़ेसर, इंटरनेशनल इंस्टीटयूट ऑफ़ एशियन स्टडीज़, लाइडेन यूनिवर्सिटी, द नीदरलैंड, मैसौन द साइंसेज़ द ला होम, पेरिस में विज़िटिंग फ़ेलो और सिंगापुर नेशनल यूनिवर्सिटी में आईसीसीआर चेयर प्रोफ़ेसर के पदों पर भी रहे हैं। हाल ही में आई उनकी किताब ‘रिपब्लिक ऑफ़ हिन्दुत्व : हाउ द संघ इज़ रिशेपिंग इंडियन डेमोक्रेसी’ में भारतीय लोकतंत्र की संरचना के अंदर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कार्य पद्धति, संगठन, विचार और उसकी व्यापकता पर प्रकाश डाला गया है। उन्होंने कांशीराम की जीवनी भी लिखी है। 

कविता-संग्रह :- ‘खुदाई में हिंसा’, ‘शब्दपदीयम’, ‘सच सुने कई दिन हुए’, ‘तुमड़ी के शब्द’। 

बद्री नारायण की कविताएँ अँग्रेज़ी, बांग्ला, उड़ि‍या, मलयालम, उर्दू तथा अन्य भारतीय भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। राजनीतिक विश्लेषणों पर आधारित बद्री नारायण के कॉलम हिंदी और अँग्रेज़ी के शीर्षस्थ पत्र-पत्रिकाओं में भी प्रकाशित होते रहते हैं। उनकी चर्चित कविता ‘प्रेमपत्र’ के लिए उन्हें भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार मिला और 'तुमड़ी के शब्द' कविता-संग्रह के लिए 2022 के साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किए गए।

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