कविताएँ
हिंदी की काव्य-परंपरा से विभिन्न काव्य-विधाओं की रचनाओं का विशाल-संग्रह
'वेंकट पार्वतीश्वर कावुलू' नामक तेलुगु कविद्वय में से एक। इसके दूसरे कवि वोलेति पार्वतीसम थे।
‘पिंगला सूर्य’ कविता-संग्रह के लिए प्रसिद्ध ओड़िया कवि। नए बिंब और प्रतीक विधान के प्रयोग के लिए उल्लेखनीय।
भारतीय आदिवासी लेखिका, कवि, प्रकाशक, एक्टिविस्ट और आदिवासी दर्शन'आदिवासियत' की प्रबल पैरोकार।
सुपरिचित मलयाली कवि-गीतकार। मलयाली फ़िल्मों के गीतकार के रूप में उल्लेखनीय।
सुपरिचित कवि-आलोचक और अनुवादक। रंगकर्म में भी सक्रिय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित। नागरीप्रचारिणी सभा (काशी) के प्रधानमंत्री।
सुपरिचित रूसी कवयित्री और लेखिका। 'लेनिनग्राड डायरी' के लिए उल्लेखनीय।
सुप्रसिद्ध सोवियत कवि, नाटककार और कलाकार। रूसी फ्यूचरिज़्म में अग्रणी भूमिका के लिए उल्लेखनीय।
सुपरिचित रूसी कवि-लेखक। क्रांति-पूर्व रूसी कला और वास्तुकला के संरक्षण हेतु अभियान में योगदान।
सुप्रसिद्ध रूसी कवि, दार्शनिक और समालोचक। आध्यात्मिक पुनर्जागरण में योगदान के लिए उल्लेखनीय।
सुपरिचित रूसी कवि और नाटककार। रूसी फ्यूचरिज़्म धारा से संबद्ध।
सुप्रसिद्ध मलयाली कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
सुपरिचित कवि। विश्व कविता के अनुवाद की पत्रिका ‘तनाव’ के संपादन के लिए सम्मानित।
हिंदी और अवधी भाषा के समादृत कवि और स्वतंत्रता सेनानी तथा राजनेता। 'गांधी बाबा के बिना' और 'अछूत की होरी' कुछ प्रमुख कृतियाँ।
नई पीढ़ी के कवि। 'किसी रात की लिखित उदासी में' शीर्षक से एक काव्य-पुस्तिका प्रकाशित।
सुप्रतिष्ठित मराठी कवि, उपन्यासकार, नाटककार और चित्रकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
छठे दशक में सामने आए मराठी कवि, चित्रकार और संपादक। आधुनिक काव्यभाषा और शैली के लिए चर्चित।
सुपरिचित सोवियत कवि-गीतकार, उपन्यासकार और पत्रकार। अपने ऐतिहासिक उपन्यासों के लिए उल्लेखनीय।
सुपरिचित मराठी कवि-गीतकार-अनुवादक। नाट्य-काव्य में योगदान के लिए उल्लेखनीय।
सुपरिचित रूसी कवि-लेखक-समालोचक। रूसी सिंबोलिज़्म आंदोलन से संबद्ध।
सुप्रसिद्ध युगोस्लावियाई-सर्बियाई कवि। संक्षिप्तता, प्रतीकवाद और अनूठी काव्य शैली के लिए उल्लेखनीय।
कन्नड़ भाषा के समादृत कवि और इतिहासकार। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।
सुपरिचित कवि-आलोचक और अनुवादक। 'अदृश्य हो जाएँगी सूखी पत्तियाँ', 'चाहे जिस शक्ल से' और 'रात-पाली' शीर्षक से तीन कविता-संग्रह प्रकाशित।