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तुम अगर सिर्फ़

tum agar sirf

सारुल बागला

सारुल बागला

तुम अगर सिर्फ़

सारुल बागला

और अधिकसारुल बागला

    तुम अगर सिर्फ़ तस्वीर होतीं

    बहुत शांत होती मेरी नींदें

    और मेरी सुबह के आँगन में

    गौरैया को किसी बाज़ का ख़तरा नहीं होता।

    सब बहुत आसान होता

    तुम वैसी ही मिलतीं

    जैसी रखकर जाता मैं तुम्हें

    अपनी किताबों में या नर्म कपड़ों के बीच...

    और अब सिर्फ़ तस्वीर से ज़्यादा

    तुम बची भी कहाँ हो मेरे लिए

    फिर भी तस्वीर कहाँ हो तुम?

    और मेरे आँगन की गौरैया को

    बाज़ का डर कब नहीं डसता।

    स्रोत :
    • रचनाकार : सारुल बागला
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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