तुझे याद करता हूँ नदी की तरह
tujhe yaad karta hoon nadi ki tarah
मनोज कुमार पांडेय
Manoj Kumar Pandey
तुझे याद करता हूँ नदी की तरह
tujhe yaad karta hoon nadi ki tarah
Manoj Kumar Pandey
मनोज कुमार पांडेय
और अधिकमनोज कुमार पांडेय
तुझे याद करता हूँ नदी की तरह
पीता हूँ तेरा पानी और तुझमें डूब जाता हूँ
तुझे याद करता हूँ हवा की तरह
साँस लेता हूँ और जीता हूँ
तुझे याद करता हूँ रौशनी की तरह
देखता हूँ दुनिया कहीं घूम आता हूँ
तुझे याद करता हूँ अँधेरे की तरह
गुम होता हूँ तेरे ख़याल में और सो जाता हूँ
तुझे याद करता हूँ पहाड़ की तरह
सारी ऊँचाइयाँ तेरी दी हुई हैं
तुझे याद करता हूँ सागर की तरह
न देखी गहराई ऐसी कहीं न विस्तार
तुझे याद करता हूँ पेड़ की तरह
तू है तो हरियाली है हवा है साँस है
तुझे याद करता हूँ पृथ्वी की तरह
अछोर है तू मेरे पैर बहुत छोटे
तुझे याद करता हूँ ज़िंदगी की तरह
तू है तभी मैं हूँ मैं हूँ तभी तू है
- रचनाकार : मनोज कुमार पांडेय
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
Additional information available
Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.
About this sher
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.
rare Unpublished content
This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.