पैलियोलाइट की गर्भाधान संबंधी अंधश्रद्धा
pailiyolite ki garbhadhan sambandhi andhshradha
वीस्वावा षिम्बोर्स्का
Wisława Szymborska
पैलियोलाइट की गर्भाधान संबंधी अंधश्रद्धा
pailiyolite ki garbhadhan sambandhi andhshradha
Wisława Szymborska
वीस्वावा षिम्बोर्स्का
और अधिकवीस्वावा षिम्बोर्स्का
महान् मातृका का कोई चेहरा नहीं है।
काहे के लिए महान् मातृका को चेहरा चाहिए?
चेहरा एक शरीर का ईमानदारी से नहीं हो पाता,
चेहरा शरीर को परेशान करता और दिव्य नहीं होता है,
वह शरीर की औपचारिक एकता को गड़बड़ाता है।
महान् मातृका का मुख उसका बाहर निकलता पेट है
बीच में अंधी नाभि के साथ।
महान् मातृका के पाँव नहीं हैं।
काहे के लिए महान् मातृका को पाँव चाहिए?
वह कहाँ चलेगी।
काहे के लिए वह इस दुनिया के ब्योरों में जाएगी?
वह पहले ही वहाँ पहुँच चुकी हे जहाँ वह जाना चाहती थी
वह घात लगाए बैठी है कार्यशाला में तनी हुई चमड़ी के नीचे।
दुनिया है? सो वह अच्छी है।
समृद्ध? इतना बेहतर है।
बच्चों को कहीं भाग सकने की जगह है,
कुछ है जिसकी ओर सिर उठा सकें? सुंदर।
वह इतनी अधिक है कि वह मौजूद है जब वे सो भी रहे हों,
अतिशयोक्ति की हद तक पूर्ण, और सच?
और हमेशा, पीठ पीछे भी मौजूद है?
यह सारा है, काफ़ी सारा है उसकी ओर से।
महान् मातृका दो नन्हें हाथ सिर्फ़ सिर्फ़ हैं,
दो पतले, अलसाए हुए उसके सीने पर आड़े।
काहे के लिए वे जीवन को आशीर्वाद देंगे
प्रतिभासम्पन्न को उपहार देंगे!
उनका एकमात्र कर्तव्य
पृथ्वी और स्वर्ग के समय के दौरान
बने रहना है इस मामले में
जो कि कभी नहीं होगा।
टेढ़े मेढ़े आकार में विषयवस्तु पर पड़े रहना।
होना अतिहास्य आभूषण का।
- पुस्तक : कोई शीर्षक नहीं (पृष्ठ 73)
- रचनाकार : कवयित्री के साथ अनुवादक अशोक वाजपयी और रेनाता चेकाल्स्का
- प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
- संस्करण : 2004
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