Font by Mehr Nastaliq Web

पहचानो चेहरे

pahchano chehre

अनिल मिश्र

अनिल मिश्र

पहचानो चेहरे

अनिल मिश्र

और अधिकअनिल मिश्र

    नायक के मंच पर उदय होने के पूर्व

    धुँध भरती है वहाँ

    कुछ समय के लिए बत्ती कर दी जाती है गुल

    लिबास और रोशनी के इंतजामात

    हमारे दिलो-दिमाग़ पर छा जाते हैं

    वह प्रसन्न रहता है

    सहायता के लिए तत्पर भी, अगर सार्वजनिक हो प्रकाश उसका

    उसकी त्वचा इतनी चिकनी

    कि फिसल जाती है कोई भी बात

    मौसम में मौसम बदल जाता है

    आवाज़ों में आवाज़ें बोलती हैं

    पानी में पैदा की जाती है आग

    कभी कुछ नहीं करता, कभी कुछ नहीं किया जिसने

    वो जादू कर रहा है

    जन्म के समय एक जीवन में प्रवेश करता है

    फिर प्रवेश करता जाता है कितने जीवन में

    वो तलाशता है अपने लिए सहानूभूति

    जिसे कमीज़ या कुर्ते की तरह पहनकर

    गिरा देता है नीचे

    अगला पड़ाव आने के पूर्व

    कल तक जिस आंदोलन का विरोध करता था

    नेतृत्व कर रहा है आज उसका

    इसकी व्याख्याएँ उसकी होती हैं तथ्य और तर्क उसके

    संबंधों की पूजा और विसर्जन के कठिन गणित को बनाता है बेहद आसान

    भाषा पर होता है उसका इतना अधिकार

    कि जहाँ भी हो जाता है खड़ा

    वही बन जाता है

    धरती का केंद्र विंदु

    बाज़ार में बनाए जा रहे हैं मुखौटे

    ईमानदार के दयालु के समाजसेवी परोपकारी के

    मुखौटे मचल रहे हैं अपने चेहरों से मिलने के लिए बेताब

    चहरे प्रसन्न हैं कि उन्हें मिलने ही वाला है मनचाहा रुप

    हर मौक़े के अलग-अलग, योजना और मक़सद के अनुसार

    मैं याद करना चाहता हूँ वह शक्लो-सूरत

    किसी चाय की दुकान पर या किसी गोष्ठी में

    मुकम्मल नहीं हो पाती कोई भी तस्बीर

    बस कुछ रेखाएँ एक-दूसरे को काटती हुईं

    बदल जाता है जिनका रंग

    थोड़ी-थोड़ी देर बाद

    हमारी आस्था और ग़फ़लत के बीच के रास्ते से निकलते है वे

    भरते हुए अपना रंग

    वे बढ़ते जाते हैं आगे हवा में हाथ हिलाते अपनी मंज़िल की ओर

    सम्मोहित हम देखते रह जाते हैं उनके कौतुक

    स्रोत :
    • रचनाकार : अनिल मिश्र
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए