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इनसोम्निया

insomniya

प्रदीप अवस्थी

प्रदीप अवस्थी

इनसोम्निया

प्रदीप अवस्थी

और अधिकप्रदीप अवस्थी

     

    एक

    किसी-किसी रात बारूद फटता था मेरे गले में
    और कोई चारा नहीं होता था मेरे पास
    गुज़र जाने देना होता था बस
    जैसे गुज़र जाने देना होता है कितना कुछ
    जो बस में नहीं होता

    दो

    एक ट्रक कानों के परदे
    रौंदता हुआ निकलता था
    ओपेरा गाती थी एक लड़की
    और छाती में ख़ून को
    सुचारू रूप से चलाने वाले पम्प को
    तेज़ी से चलाने लगती थी

    आवाज़ों की दुनिया थी
    मरकर ही उनसे बचा जा सकता था

    तीन

    रात को रात कहना
    अँधेरे को कहना अँधेरा
    दिमाग़ को
    दिन के सबसे व्यस्त समय का चौराहा
    दिल को
    चींटी के रेंगने की आहट से
    धम-धम बजता दरवाज़ा

    कोई विकार नहीं यहाँ
    ख़ालिस यातना है

    चार

    रात भर अँधेरे को
    चूरा-चूरा पीसकर
    आँखों में घोलता हूँ
    अलस्सुबह फैलता उजाला
    आँखों में उतरकर
    पलकों को सिल देता है

    यह भविष्य में उतरने की तैयारी है

    पाँच

    रात माथे से ख़ून बहा
    और सपने की शक्ल में आया
    काश किसी ने चूमा होता
    सोने से पहले

    छह

    यह कोई पहली रात तो नहीं ऐसी
    जब बीत चुकी सड़क पर
    उल्टा चलने लगता हूँ
    करवटों के साथ उगता है उजाला
    संपूर्ण धँसा जिस्म
    और एक हथेली नज़र आती बस
    मदद माँगती

    लेकिन क्यों लगता जैसे
    यह आख़िरी है!

    सात

    गले में जलती थी नींद
    भीषण आग लगी रहती थी रातों में
    पलकों पे पत्थर बँधते थे
    खिड़की से गुज़रती आवाज़ें
    इन पत्थरों को कुचला करतीं।

    स्रोत :
    • रचनाकार : प्रदीप अवस्थी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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