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फूल

phool

नोट

प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा छठी के पाठ्यक्रम में शामिल है।

छोटी-सी बग़िया में देखो,

कितने रंग जमाते फूल।

सबके मन को मोहक लगते हैं।

हँसते और मुस्काते फूल॥

 

जो भी बग़िया में आता है

सबको ख़ूब रिझाते फूल।

इधर भटकते, उधर मटकते

तनिक नहीं शरमाते फूल॥

 

तितली आती भँवरे आते

सबको पास बुलाते फूल।

ताथई-ताथई नाच-नाचकर

मीठे गीत सुनाते फूल॥

 

सर्दी गर्मी और वर्षा में

कभी नहीं घबराते फूल।

झूम-झूम कर मौज़ मनाते

सबका मन बहलाते फूल॥

 

रंग-बिरंगे प्यारे-प्यारे

बग़िया को महकाते फूल।

छोटे-छोटे बच्चों जैसे,

सबके मन को भाते फूल।

हिंदवी

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दिनेश कुमार शुक्ल

दिनेश कुमार शुक्ल

स्रोत :
  • पुस्तक : दूर्वा (भाग-1) (पृष्ठ 76)
  • रचनाकार : दिनेश कुमार
  • प्रकाशन : एनसीआरटी
  • संस्करण : 2022
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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