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प्रकाश की प्रशंसा का गीत - 7

parkash ki prshansa ka geet - 7

अनुवाद : त्रिनेत्र जोशी

आई छिंग

आई छिंग

प्रकाश की प्रशंसा का गीत - 7

आई छिंग

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    हर व्यक्ति का एक जीवन होता है,

    मानवता को आकाशगंगा में वह धूल का एक छोटा-सा कण है।

    धूल के हर कण की अपनी शक्ति है,

    धूल के असंख्य कण प्रकाश की एक किरण में जमा होते हैं।

    हर व्यक्ति, हालाँकि अकेला खड़ा है,

    पर एक दूसरे पर प्रभा फेंकता है,

    निरंतर सामुदायिक प्रभा चक्रण बुनता हुआ,

    अंतरिक्ष में धरती चक्रण के साथ-साथ।

    हम इस चक्रण में जलते हैं,

    हमारे जीवन में और कुछ नहीं यही जलता है।

    हमें, अपने समय में,

    त्यौहार की आतिशबाज़ियों की तरह होना चाहिए,

    जो आनंद के तीव्र स्तर के साथ आकाश की तरफ़ उड़ान भरते हैं

    और प्रकाश के चमकदार गुच्छ के रूप में विसर्जित होते हैं।

    अगर हम एक मोमबत्ती भी हों,

    हमें आँसू सूखने से पहले राख हो जाना चाहिए।

    अगर हम केवल माचिस की तीली भर हों,

    नाजुक क्षण में हम से लपट निकलनी चाहिए।

    अगर हम मृत्यु के बाद सड़ भी जाएँ,

    हम फासफोरस बन जाएँगे।

    एक तरफ़ सोने के सिक्के, दूसरी तरफ़ लोहे की बेड़ियाँ,

    अपना भ्रष्ट राजनीतिक कामकाज चलाते हैं

    फिर वे पिशाचों के साथ नृत्य की तैयारियाँ करते हैं

    और मानव के माँस के पकवान वाली ख़ूनी दावत देते हैं

    मानव इतिहास की ओर नज़र दौड़ाते हुए

    कितनी सदियाँ गुज़र चुकी हैं

    दुख-दर्दों के इस रसातल में समा चुकी हैं

    जहाँ अँधेरा ग्रेनाइट के रूप में सख़्त हो जाता है

    फिर भी मानव-जाति के पास कितने ही वीर हुए हैं

    जिन्होंने नरक के लौह-द्वारों पर सीधे सिर टकराए हैं?

    गौरव उन का है, जो अपनी परवाह किए बिना लड़ते हैं।

    गौरव उन का है,

    जो लोगों को गड्ढे में गिरता देख ख़ुद इस में कूद पड़ते हैं।

    तूफ़ानी बारिश में बिजली की कड़क कुछ ज़्यादा घनी होती है

    सब से काले बादलों के बीच बिजली सब से अधिक

    उजली होती है।

    सूर्य की चमकीली आग आती है।

    स्रोत :
    • पुस्तक : सूखी नदी पर ख़ाली नाव (पृष्ठ 176)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : आई छिंग
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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