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जबकि मदरसे ख़ाली हैं अब

jabki madrase khali hain ab

अनुवाद : तुषार धवल

दिलीप पुरुषोत्तम चित्रे

दिलीप पुरुषोत्तम चित्रे

जबकि मदरसे ख़ाली हैं अब

दिलीप पुरुषोत्तम चित्रे

और अधिकदिलीप पुरुषोत्तम चित्रे

    जबकि मदरसे ख़ाली हैं अब

    रहमान मौजूद है

    पत्थर की तरह अपनी जगह पर

    उसके हाथों में अल् कोरान...

    ए-शरीफ़

    खलिफ़

    अलिफ़

    करीम

    रहीम

    हकीम

    मुजीब

    अजीब

    हबीब

    याSल्ला! परवरदिगार!

    आज जुमा-ए-रात है

    जुमा-ए-रात।

    स्रोत :
    • पुस्तक : मैजिक मुल्ला खंड दो
    • रचनाकार : दिलीप पुरुषोत्तम चित्रे
    • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
    • संस्करण : 2019

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