एक जेबकतरे की अपनी प्रेमिका को सलाह
ek jebakatre ki apni premika ko salah
डब्ल्यू. एस. रेण्ड्रा
W. S. Rendra

एक जेबकतरे की अपनी प्रेमिका को सलाह
ek jebakatre ki apni premika ko salah
W. S. Rendra
डब्ल्यू. एस. रेण्ड्रा
और अधिकडब्ल्यू. एस. रेण्ड्रा
सित्ती!
मैं पहले की अपेक्षा तुम्हारी स्थिति को बेहतर ढंग से
समझने लगा हूँ
मैं तुम्हें अपना पति छोड़ने और
तुमसे शादी करने की बात करके
तुम्हें और अधिक नहीं ठगूँगा।
(चमगादड़ उड़ते हैं एक-दूसरे का पीछा करते हुए
एक शकुन
कि शाम हो रही है
मैं अपनी सुंदर देह धोते हुए
स्नानागार में गुनगुनाती हूँ
ओह मेरे दिलबर, मेरे प्रिय
मैं अपना जालीदार ब्लाउज़
और नई स्कर्ट पहने हुए
उस कोने में तुम्हारी प्रतीक्षा करूँगी)
तुम भाग्यवान और समझदार हो
सेविका से उन्नति करते-करते अब
एक कार्यालय-अध्यक्ष की पत्नी हो गई हो
तुम्हें और क्या चाहिए?
मेरे साथ शादी तुम्हारे भविष्य की संभावनाओं को केवल नष्ट करेगी
आने वाले दिन निश्चित रूप से और ज़्यादा मुश्किल होते जाएँगे
एक जेबकतरे की क़िस्मत अनिश्चित है
कोई निश्चित समाचार नहीं है वह
तुम्हारे गर्भ में पल रहे शिशु का
सही पिता मैं नहीं हो सकता।
(चमगादड़ उड़ते हैं एक-दूसरे का पीछा करते हुए
एक शकुन,
कि शाम हो रही है
सूर्य समुद्र में दर्दनाक ढंग से वमन कर रहा है
जकार्ता के लोगों का घुट रहा है दम
ओह, यह हवा
ओह, मेरे प्रेमी
काँपती हैं मेरी शिराएँ,
इस इंतज़ार में
कि कब तुम्हारी जिह्वा
मेरे शरीर का स्पर्श करेगी।)
अपने प्रति तुम्हारे प्यार में मुझे कभी संदेह नहीं रहा
लेकिन पहले ज़रूरी है मेरे लिए
तुम्हारा ख़्याल रखना
ब्याह का महत्व उसके बाद है
तुम्हारे बच्चे के भविष्य के संघर्ष के लिए
अपने हृदय को तैयार करना होगा हमें
अपने पति को उचित ढंग से ठगना शुरू करो
अपना जीवन सुविधाजनक बनाने को
जो उसके पास है
उसे नली में भरे द्रव-सा निकालना शुरू करो
तुम्हारा पति एक सामान्य ढंग का सीनियर सिविल सर्वेंट है
उसे पसंद है दूसरों को भ्रष्ट करना और घूस खाना
तुम बदले में उसे ठगो
यही सही ढंग है
चोर-चोर को ठगता है यह स्वाभाविक है
और फिर
इज़्ज़त चोरों के बीच लिपस्टिक की तरह है
याद रखो चालाकी सर्वोपरि
फिर साहस
और क्रमांक तीन पर अध्यवसाय
चौथे क्रमांक पर दृढ़ता झूठ बोलने में भी
यही ढंग है चोरों के जीने का
चिंता मत्त करो
छोटे लोग सदा-सर्वदा यों पिटे हुए नहीं रह सकते।
(चमगादड़ उड़ते हैं एक-दूसरे का पीछा करते हुए
एक शकुन,
कि शाम हो रही है
मुझे आज छोड़ना ही होगा तुम्हें
क्योंकि वह अचानक आ गया है
आज रात
वह मूर्ख विदूषक मेरे बिस्तर पर कलाबाज़ी करेगा)
हमेशा अपनी स्थिति को सुधारने का प्रयास करो।
प्रयास करो एक मंत्री से मिलने
और उसकी प्रेमिका बनने का
एक मंत्री की प्रेमिका होने के बावजूद
अपने पहले प्रेमी को बनाए रखो
यदि वह तुम्हारे जारज संबंध को अस्वीकार करता है
गोकि वह स्वयं वैसा ही संबंध रखता है
तुमसे और अपनी पत्नी से,
तो इसका अर्थ यह है कि वह स्वयं को ही नहीं समझता
उसका आलिंगन करो
जब तक तुममें जोश है और तुम्हारी छातियाँ कसी हुई हैं
अपनी शिक्षा की कमी के कारण
तुम्हें इस तिजारत में आतंकित नहीं होना है
ये हमेशा उन्हें आकर्षित करती हैं
तुम्हारी बकवास की ओर भी किसी का ध्यान नहीं जाएगा
जब तक तुममें उत्साह, निश्चय और दृढ़ विश्वास है।
यह है वस्तुतः एक मंत्री का सही मॉडल।
(चमगादड़ उड़ते हैं एक-दूसरे का पीछा करते हुए
एक शकुन,
कि शाम हो रही है
मेरी भावनाएँ पहुँच जाती हैं उस क्षण में
जब हम व्यस्त थे परेड देखने में
और तुमने मेरे पीछे चिकोटी काटी थी
और मैंने तुम्हारे पाँव पर लात मारी थी
यों हुआ था हमारा मिलन
और अब हर शाम
एक ख़ूब पके हुए केले-सी
मैं तुम्हारे उस हाथ का इंतज़ार करती हूँ
जो मुझे खोलेगा।)
अंतिम बात मैं तुम्हारे जिस शिशु की आशा करता हूँ
—दिन-रात उसकी हिफ़ाज़त करो—
हो सकता है वह लड़का हो
उसे लड़ना सिखाना
पीछे से वार करने में उसे कोई हिचक नहीं होनी चाहिए
किसी आदमी को वह उसके चरित्र से न परखे
संभावनाएँ सिर्फ़ दो होती हैं दोस्त या दुश्मन
दोस्त कुछ समय के लिए उपयोगी हो सकते हैं
दुश्मन सर्वकालिक बुराई है
जिस पर तब तक प्रहार होना चाहिए
जब तक कि वह बुरी तरह कुचल न जाए
ख़ुद को जीवित रखने का यही मूल मंत्र है
उसे ऊँचा पद पाने की शिक्षा दो
ईश्वर न करे वह एक शिक्षक या प्रोफ़ेसर बने
यह एक दु:खद स्थिति है
कोई आमदनी नहीं
यदि हो सके तो वह एक पुलिस या सैनिक बने
ताकि उसे आवश्यकता न पड़े चावल ख़रीदने की
बल्कि राज्य से उसके साथ उसे एक बढ़िया वर्दी भी मिले।
क़ानूनी या ग़ैर-क़ानूनी किसी भी ढंग से
उसको पहले मिलने चाहिए उसके अधिकार
ताकि वह उतनी ही सहजता से दे सके झाँसा
जैसे कि तुम
और उसका भी चेहरा उतना ही चिकना हो
जैसे मेरा
यही वह आदर्श ताल-मेल है
जिसका अर्थ है कि उसके पास राजनीति की प्रतिभा है
कौन जाने वह एक दिन संसद-सदस्य
या मंत्री भी बन जाए
जकार्ता में सफल होने के लिए ये अनिवार्य गुण हैं।
(चमगादड़ उड़ते हैं एक-दूसरे का पीछा करते हुए
एक शकुन,
कि शाम हो रही है
बसों की बत्तियाँ जल चुकी हैं
औरतें लगा रही हैं लिपस्टिक
मेरे प्रिय मुझे बताओ
दुबारा हम कहाँ मिलेंगे।)
- पुस्तक : पुनर्वसु (पृष्ठ 299)
- संपादक : अशोक वाजपेयी
- रचनाकार : डब्ल्यू. एस. रेण्ड्रा
- प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
- संस्करण : 1989
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