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आई एम नॉट गुड विद डायरेक्शंस

aai em naut guD vid Dayrekshans

सत्यम तिवारी

सत्यम तिवारी

आई एम नॉट गुड विद डायरेक्शंस

सत्यम तिवारी

और अधिकसत्यम तिवारी

    मैं एक दिन अपने ही शहर में खो जाऊँगा

    जैसे मृगारिका, मरीचिका में खो जाती है

    समर्पण की तरह नहीं

    उलाहना की तरह

    मुझे रखनी है हत्यारे से पूरी सहानुभूति

    मैं हूँ ज़िरहों में समर्थ वकील

    मैं पुलिस की उकड़ू निष्पक्षता

    मैं मी-लार्ड का अंधाधुँध न्याय

    मुझसे एक लाश नहीं पहचानी जाती

    मैं एक हत्या का चश्मदीद गवाह!

    जो तुम मुझे कहीं रखकर भूल गए

    मेरा चेहरा अब दफ़्तरी काग़ज़ात से मिलता है

    मैं आवश्यकता में जितना भी रहा हूँ

    मैं वास्तविकता में इतना ही बचा हूँ

    और

    और तुम्हें मुझसे निजात चाहिए।

    स्रोत :
    • रचनाकार : सत्यम तिवारी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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