शिलांग से फ़ोन
Shillong se phone
नोट
प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा छठी के पाठ्यक्रम में शामिल है।
(फ़ोन की घंटी बजती है।)
ननकू : (फ़ोन उठाकर) हैलो! आप कौन साहब बोल रहे हैं?
अमरनाथ : मैं अमरनाथ बोल रहा हूँ, शिलांग से।
ननकू : हाँ बाबू जी नमस्ते! मैं ननकू बोल रहा हूँ। आप लोग कैसे हैं?
अमरनाथ : हम सब ठीक-ठाक है। अच्छा रमा को बुलाओ।
ननकू : बहन जी, आपके भाई साहब का फ़ोन है।
रमा : अभी आ रही हूँ। (आकर फ़ोन उठाती हैं।) हैलो भैया, नमस्ते। क्या हाल-चाल है?
अमरनाथ : सब मज़े में हैं। तुम लोग क्या कर रहे हो?
रमा : आज छुट्टी का दिन है। सब लोग घर पर ही हैं। टिंकू टी. वी. पर कार्टून देख रहा है।
अमरनाथ : और बिटिया श्यामला क्या कर रही है?
रमा : वह संगीत का अभ्यास कर रही है। बड़ा बेटा राजेश टेबुल टेनिस खेल रहा है, जीजा जी को बुलाऊँ।
अमरनाथ : ज़रूर! मैं सुरेश बाबू से बात करना चाहता हूँ।
रमा : जी, सुनिए! शिलांग से भैया का फ़ोन है। आपको याद कर रहे हैं।
सुरेश : नमस्कार भैया! क्या हाल-चाल है! भाभी जी ठीक हैं?
अमरनाथ : मज़े में हैं। इस समय तो वे बग़ीचे में हैं। पौधों को पानी दे रही हैं।
श्यामला : (आकर) पापा जी किसका फ़ोन है?
सुरेश : तुम्हारे मामा जी बोल रहे हैं। लो, उनसे बात करो।
श्यामला : मामा जी, प्रणाम।
अमरनाथ : जीती रहो बेटी। आजकल संगीत सीख रही हो? कब से?
श्यामला : तीन चार महीने से सीख रही हूँ। हमारे घर के पास गंधर्व कला विद्यालय है न, वहीं से सीख रही हूँ।
अमरनाथ : क्या वहाँ रवींद्र संगीत भी सिखाते हैं?
श्यामला : हाँ मामा जी, वहाँ रवींद्र संगीत सिखाते हैं? मेरी भी इच्छा है। मैं ज़रूर सीखूँगी।
अमरनाथ : तुम्हें मेरी शुभकामनाएँ। अपने पापा को मेरा नमस्ते कहना।
- पुस्तक : दूर्वा (भाग-1) (पृष्ठ 83)
- प्रकाशन : एनसीईआरटी
- संस्करण : 2022
Additional information available
Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.
About this sher
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.
rare Unpublished content
This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.