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सहर धोआँ बुनने

sahar dhoan bunne

शान्ति सुमन

शान्ति सुमन

सहर धोआँ बुनने

शान्ति सुमन

और अधिकशान्ति सुमन

    राति खसि रहल अछि पछाड़ खाय

    दिनक पैरमे फटल छै बेमाय

    खुशी बनल डर थरथरा रहल

    आँखि बनल हाथ तीर तनने

    संशय के दाग से लगल जाइछ

    आगाँमे सहर धोआँ बुनने

    बेबस लगय जेना घरजमाय

    लहुक निसान पीठपर उठेने

    घोंटि रहल दम अपन हाथे

    एक अन्हार यात्रामे उतरल सब

    मोसकिल जीयब-मरब साथे

    बाढ़िमे भाँसल अनेरुआ गाय

    सबहक कान्हपर लटकल सलीब

    सिमसल हँसी कहवाघरमे

    घृणाक कजरी भरल नदी बहय

    चौखटिसँ होइत बीच घरमे

    कंठ दलदलिमे सबहक धँसि जाय

    स्रोत :
    • पुस्तक : मेघ इन्द्रनील (पृष्ठ 23)
    • रचनाकार : शान्ति सुमन
    • प्रकाशन : अभिधा प्रकाशन
    • संस्करण : 2005

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