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शशि चकोर अरविंद मलि

shashi chakor arwind mali

दयाराम

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शशि चकोर अरविंद मलि

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    शशि चकोर अरविंद मलि, विष पतंग मृग राग।

    जिन बिन चल्यों क्यों तजें, जदपि एक अनुराग॥

    चकोर चंद्र,अलि अरविंद, पतंग-दीपक, मृग राग का प्रेम यद्यपि एकांगी है किंतु जिनके बिना चल ही नहीं सकता उन्हें कैसे छोड़ा जा सकता है?

    स्रोत :
    • पुस्तक : दयाराम सतसई (पृष्ठ 91)
    • संपादक : अंबाशंकर वागर
    • रचनाकार : दयाराम
    • प्रकाशन : गुजराती रिसर्च इंस्टिट्यूट अहमदाबाद
    • संस्करण : 1967

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