कवि बनने के लिए ज़रूरी नहीं है कि आप लिखें
निशांत कौशिक 10 नवम्बर 2024
‘बीटनिक’, ‘भूखी पीढ़ी’ और ‘अकविता’ क्या है, यह पहचानता हूँ, और क्यों है, यह समझता हूँ। इससे आगे उनपर विचार करना आवश्यक नहीं है।
— अज्ञेय
बीट कविता ने अमेरिकी साहित्य की भाषा को एक नया संस्कार दिया है, उसे ड्राइंगरूम से निकाला है, लेकिन बीटनिकों की कविता का महत्त्व उतना नहीं जितना ख़ुद उनके अपने जीने के ढंग का है।
— श्रीकांत वर्मा
(श्रीकांत वर्मा रचनावली-1, समकालीन कविता और उससे संबद्ध प्रश्न, 525)
फ़िज़ाओं में जवाब मिलेगा
मैंने पहली बार बॉब डिलन को एक नुक्कड़ नाटक में सुना। उनके एक गीत (या कविता?) का अनुवाद आदित्य निगम ने कभी किया था जो अब बहैसियत जनगीत, स्टडी सर्किल जन-आंदोलनों में ख़ासा चर्चित है। पंक्तियाँ यह थीं;
सूनी राहों पर कोई कब तक चले
इससे पहले वो इंसाँ कहलाए?
कितने सागर कोई फ़ाख़्ता उड़े
इससे पहले कि वो चैन पाए
यह बॉब डिलन के गीत ‘Blowin’ in the Wind’ का अनुवाद था।
उस समय मेरे लिए बॉब डिलन का सामान्य परिचय ऐसा था कि बॉब डिलन (रॉबर्ट एलन ज़िमरमैन) का जन्म 24 मई 1941 को मिनेसोटा, अमेरिका में हुआ। उसने 1960 के दशक में संगीत की दुनिया में क़दम रखा और अमेरिकी लोक और कालांतर में रॉक संगीत में अद्वितीय पहचान बनाई। डिलन के शुरुआती गीतों में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों की झलक मिलती है और उनके गीतों ने उस समय के नागरिक अधिकार आंदोलनों में भी अपनी जगह बनाई।
बॉब डिलन का लेखन और संगीत मुख्य रूप से गिटार, माउथ ऑर्गन और उनकी विशेष गायन शैली पर आधारित रहा है। 2016 में, उन्हें ‘साहित्य’ में नोबेल पुरस्कार दिया गया। वह इस सम्मान को पाने वाले पहले गीतकार बने। नेवर एंडिंग टूर (Never ending tour) बॉब डिलन का लाइव कॉन्सर्ट टूर है, जिसे उन्होंने 7 जून 1988 से शुरू किया और यह तब से जारी है। इस टूर का नाम ‘नेवर एंडिंग’ इस वजह से पड़ा, क्योंकि डिलन बिना किसी आधिकारिक ब्रेक या फ़ाइनल शो की घोषणा के साथ इसे लगातार करते रहे।
लेकिन बॉब डिलन के प्रति मेरी रुचि उनके साक्षात्कारों, आत्मकथा और एक ऐतिहासिक रिकॉर्डेड वीडियो के कारण बढ़ी।
बॉब डिलन को समय-समय पर अ-कवि कहा जाता रहा है। कर्ट वोनेगट ने 1991 में एक साक्षात्कार में कहा था—“मुझे रैप से नफ़रत है। ‘द बीटल्स’ ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बॉब डिलन जीवित कवियों में सबसे ख़राब हैं। एक गीत में वह शायद एक अच्छी पँक्ति लिख सकते हैं, बाक़ी सब बकवास ही होता है।”
17 मई 1966 को मैनचेस्टर के फ़्री ट्रेड हॉल में बॉब डिलन का एक ऐतिहासिक कॉन्सर्ट हुआ, जो अपने एक विवादास्पद पल के कारण संगीत इतिहास में दर्ज हो गया। जैसे ही डिलन ने इलेक्ट्रिक गिटार पर गाना शुरू किया, भीड़ में से एक व्यक्ति ने उन पर चिल्लाया, “Judas!”
‘जुडास’ का अर्थ है—एक व्यक्ति जो विश्वासघात करता है या धोखा देता है। यह नाम बाइबिल में उन 12 शिष्यों में से एक Judas Iscariot के संदर्भ में आता है, जिन्होंने ईसा मसीह के साथ विश्वासघात किया था। इस संदर्भ में, जब लोगों ने बॉब डिलन को “Judas!” कहा, तो इसका मतलब था कि उन्होंने अमेरिकी लोग संगीत के आदर्शों से मुँह मोड़ लिया है।
यह शब्द उस वक़्त के अमेरिकी लोक-संगीत प्रेमियों की निराशा और ग़ुस्से का प्रतीक बन गया, जिन्हें लगा कि डिलन ने लोक-संगीत को छोड़कर रॉक की राह पकड़कर उनसे धोखा किया है।
बॉब डिलन ने मंच पर ही पलटकर उसे जवाब दिया, “मैं तुम पर यक़ीन नहीं करता” इसके बाद माइक से थोड़ा हटकर, उन्होंने अपने बैंड से कहा, “और ज़ोर से बजाओ”।
कुछ सालों बाद, डिलन ने एक साक्षात्कार में कहा—“जिन प्रशंसकों ने मुझे “Judas” कहा था, वे जहन्नुम में सड़ें।”
यह घटना बॉब डिलन के करियर में एक निर्णायक मोड़ साबित हुई, क्योंकि इसने उनके नज़रिए और तत्कालीन धारणाओं के बीच संघर्ष को उजागर किया। उस दौर में डिलन को अमेरिकी लोक-संगीत का प्रतीक माना जाता था, उनके गीतों में जनवाद और जनजीवन के सौंदर्य और संघर्ष का तत्व भरपूर था। 1965 के इस गीत ‘Mr. Tambourine Man’ की यह पंक्तियाँ देखिए—
Hey! Mr. Tambourine Man, play a song for me,
I'm not sleepy and there is no place I'm going to.
Hey! Mr. Tambourine Man, play a song for me,
In the jingle-jangle morning I'll come following you
हे! साधो रे! एक गीत मेरे लिए
ना ठौर है ना ठिकाना ना ही नींद है
हे! साधो रे! एक गीत मेरे लिए
खनकती भोर जागे, तेरे संग हुए
(अनुवाद : स्वप्निल कांत दीक्षित)
इसी तरह उनके एक और गीत ‘With God on Our Side’ की यह पंक्तियाँ देखिए—
In the nineteen-sixties came the Vietnam War
Can somebody tell me what we're fightin' for?
So many young men died
So many mothers cried
Now I ask the question
Was God on our side?
यह दोनों ही डिलन संगीत के ‘Gateway’ गीत हैं, जिसमें सौंदर्य और सरोकार दोनों दिखते हैं।
जब डिलन ने इलेक्ट्रिक गिटार उठाया, तो कई अमेरिकी लोग-संगीत के प्रशंसकों के लिए यह बदलाव लोक-संगीत के पावित्र्य को भंग कर देने जैसा था, मानो डिलन ने अपनी कलात्मक ‘शुद्धता’ से कोई समझौता कर लिया हो।
डिलन और बीट जेनेरेशन
एलेन गिन्सबर्ग पर पहले भी और इधर बहुत काम हुआ है। उनकी कविता ‘हाउल’ (Howl) के अनुवाद और व्याख्याएँ पहले भी हुईं तथा उसमें अर्थों तथा प्रतीकों की संभावनाओं की खोज आज भी जारी है। वैयक्तिक स्वतंत्रता और बेचैनी, यौन स्वतंत्रता, समलैंगिक अधिकार से लेकर कई ऐसे मुद्दे हैं जो सीधे-सीधे बीट जेनरेशन के समय कलात्मक अभिव्यक्तियों में नमूदार हुए। गिन्सबर्ग इस आंदोलन के प्रतीक पुरुष थे।
डिलन के इलेक्ट्रिक गिटार विवाद और नवाचार की तरह-तरह से व्याख्याएँ की गईं। डिलन बीट जनरेशन या बीटनिक में शामिल कहीं कम उससे प्रभावित अधिक कहे जाते हैं। इस बात की पुष्टि सैद्धांतिक नहीं है। स्वतंत्रता की खोज और परंपरागत धारणाओं को चुनौती डिलन का भी काव्यतत्व था। बीटनिक के साहित्यिक रुझान बॉब डिलन के गीतों में मिलते हैं। कई दफ़ा नाहक़ ही डिलन को एलेन गिन्सबर्ग के बरक्स खड़ा कर दिया जाता है। उन बेचैनियों की अभिव्यक्ति का सामर्थ्य परखने के लिए दोनों के बीच मल्लयुद्ध आयोजित कर दिया जाता है।
डिलन के यहाँ भी सिनिसिज़्म की परतें बहुत हैं, वह 1965 में लिख रहे हैं—
Darkness at the break of noon
Shadows even the silver spoon
The handmade blade, the child’s balloon
-
Temptation’s page flies out the door
You follow, find yourself at war
Watch waterfalls of pity roar
You feel to moan but unlike before
You discover that you’d just be one more
Person crying
बॉब डिलन इस पूरे परिदृश्य में ख़ुद को कैसे देख रहे थे?
“ …जब रॉबर्ट शेल्टन ने डिलन से पूछा कि उनकी अपने ‘कवि’ कहलाए जाने पर क्या प्रतिक्रिया है, तो डिलन ने स्पष्ट किया कि उनकी कविताएँ सबसे पहले गीत के नियमों का पालन करती हैं। ‘एलन गिन्सबर्ग ही एकमात्र लेखक हैं, जिन्हें मैं जानता हूँ। बाक़ी लेखकों के लिए मेरे मन में उतना सम्मान नहीं है। अगर उन्हें सच में कुछ कहना है , तो उन्हें इसे गाकर कहना होगा’...”
यहाँ डिलन की छद्म-आधुनिकता (स्यूडो मॉडर्निज़्म) महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि एक विशेष ऐतिहासिक काल में, और उस समय की सामाजिक और राजनीतिक दबावों के तहत, एक प्रतिभाशाली गीतकार किस तरह अपनी संस्कृति में मौजूद विचारों के साथ सामंजस्य बैठाता है। इसमें अनोखापन यह है कि आधुनिक अभिव्यक्ति की तरह यह प्रतीकों और उद्धरणों का मोहताज नहीं।
(Do you, Mr Jones? : Bob Dylan with the Poets and Professors, 53-55)
टूटी ज़बानों वाले दस हज़ार बातूनी
बॉब डिलन के प्रशंसक, उनके गीतों के पाठक और उनपर शोध करने वाले अक्सर वह कड़ियाँ या रास्ता खोजते हैं, जिससे उनके कलात्मक सरोकार को ढूँढा, पहचाना या व्याख्यायित किया जा सके। वह जिस पीढ़ी में शुरुआत कर रहे थे, उन प्रभावों और प्रेरणाओं को उनके गीतों में ढूँढा जा सकता है। कालांतर में सरोकारी और प्रतिबद्ध दिखती उनकी साहित्यिक अभिव्यक्ति अपने ही बनाए लोक को भंग कर आगे बढ़ जाती है। प्रयोग का उनका यह साहस, धृष्टता की हद तक छलांगें मारता है।
अमेरिकी लोक संगीत से लेकर उन्होंने गॉस्पेल (ईसाई धर्मगीत) भी लिखे और गाए बग़ैर किसी खेद और सफ़ाई के। अपनी आत्मकथा में वह जेरुशलम जाकर तस्वीर खिंचवाने और उसके प्रभाव की खुलकर चर्चा करते हैं।
बॉब डिलन अपनी आत्मकथा में लिखते हैं—
“वुडी (Woody Guthrie) के गानों का मुझ पर इतना अधिक असर था कि वह मेरे हर क़दम, मेरे खाने-पीने की पसंद, मेरे पहनावे, मैं किसे जानना चाहता था और किसे नहीं, सब कुछ पर प्रभाव डाल रहे थे। 50 के दशक के अंत और 60 के दशक की शुरुआत में युवा-विद्रोह अपनी आवाज़ उठाने लगा था, लेकिन वह माहौल मेरे लिए पूरी तरह से आकर्षक नहीं था। इसका कोई संगठित रूप नहीं था। ‘रिबेल विदाउट अ कॉज़’ का विचार मेरे लिए पर्याप्त नहीं था—यहाँ तक कि एक खोई हुई लड़ाई भी, मुझे लगता था, बिना किसी कारण के मुक़ाबले से बेहतर होती। बीट्स के लिए, बुर्जुआ पारंपरिकता ही शैतान थी; सामाजिक नक़लीपन और ग्रे फ़्लैनेल सूट वाला आदमी।”
(Bob Dylan, Chronicles, Volume One, 247)
उनके गीतों में बार-बार वह संदर्भ ढूंढे जाते रहे जिनकी कोई सामाजिक व्याख्या हो सके। एक गीत ‘A Hard Rain’s A - Gonna Fall’ को सुन-पढ़कर प्रशंसकों को लगा कि इसमें एटमी वर्षा या न्यूक्लियर युद्ध का कोई संकेत है। लेकिन गीत में कई पंक्तियाँ ऐसी हैं जो डिलन की रचनात्मक कल्पनाशीलता, दुःस्वप्न से उभरे बिंबों तथा विषाद की बानगी देती हैं। यद्यपि इन गीतों को उनके मूल स्वरुप और अँग्रेज़ी में ही सुनना चाहिए, लेकिन इस गीत की कुछ पंक्तियों का सपाट अनुवाद यह है—
मैं सात उदास जंगलों के बीच में क़दम रख चुका हूँ
मैं दर्जन भर मुर्दा महासागरों के सामने खड़ा रहा हूँ
मैं एक क़ब्रिस्तान के मुँह में दस हज़ार मील चल चुका हूँ
मैंने कमरे में बैठे लोग देखे, देखे उनके ख़ूंज़दा हथोड़े
मैंने एक सफ़ेद सीढ़ी देखी, जो पानी में डूबी हुई थी
मैंने दस हज़ार फुसफुसाहटें सुनीं, जिन्हें कोई सुन नहीं रहा था
मैंने सौ ढोलकबाज़ों को बजाते सुना, जिनके हाथ जल रहे थे।
तब जितना अधिक बूढ़ा था, अब उससे अधिक जवान
यह संभव है कि आप जिनसे प्रभावित हैं, वे डिलन से प्रभावित रहे हैं। सांगीतिक शैली और परिपाटी में क्रांतिकारी बदलाव, गीतों में विषयों का फैलता दायरा, कभी समय के मुहावरों को ढूँढता हुआ, कभी उन्हें रद्द करता तो कभी उनकी आमद में बाँहें फैलाया हुआ डिलन का कला-व्यक्तित्व जितना खुलता है, उससे अधिक रहस्य होता जाता है। वह किताबों में चेहरा छुपाए या कान में हेडफ़ोन लगाए पाठक-श्रोता के कलाकार बस नहीं है।
हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर एक सूनी रात में टहलते हुए मुझे ख़याल आया था कि मैं वह कौन-कौन-सी जगहें और स्थितियाँ होंगी जिसके बारे में बॉब डिलन गीत लिखेगा; उसने कहा है—
आपको कवि बनने के लिए ज़रूरी नहीं है कि आप लिखें। कुछ लोग गैस स्टेशनों में काम करते हैं और वे कवि हैं। मैं अपने आप को कवि नहीं कहता, क्योंकि मुझे यह शब्द पसंद नहीं है।
तुर्की में, फ़्रांस में, ग्रीस और अमेरिका में ऐसे कई आंदोलन हुए हैं, जहाँ विरोध में सड़कों पर कविताएँ लिखी गईं। मैंने बहुत बोगदों, सड़कों और दीवारों पर ऐसी पंक्तियाँ लिखी देखी हैं, जो अपने मूल स्वरुप में विद्रोह और राजनीतिक संदेश नहीं दे रही हैं लेकिन उनका पाठक और उनके लिखे जाने की जगह उन कविताओं को अलग अर्थ-संसार देता है।
सामाजिक सरोकारों के रंग के साथ-साथ बॉब डिलन, जानलेवा बेचैनियों वाले एकांत से लेकर बोगदों की दीवारों में ग्राफ़िटी के माध्यम से अनाम प्रेमिका को याद करते व्यथित युवा प्रेमी का कवि है। वह कविता की संभावनाओं के फैलते जा रहे कैनवास का कवि है।
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