संधि-पंचकः नाटक का रचनात्मक तत्त्व संस्कृत नाट्य-शास्त्र में नाटक का जो रचनात्मक विश्लेषण है उसमें 'संधि-पंचक' (पाँच संधियों) का ही महत्व सर्वोपरि है। नाटककार 'संधि-पंचक' की योजना करते हुए नाटक की रचना नहीं किया करता। नाटककार की कला नाटक की रूपरेखा
Sign up and enjoy FREE unlimited access to a whole Universe of Urdu Poetry, Language Learning, Sufi Mysticism, Rare Texts
जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश