अँधेरे में शायद इंसान दबे पैरों अपने अंदर उतरता जाता है, जैसे वह किसी ग़ैर के घर में चोरी के लिए दाख़िल हुआ हो और अपने अंदर से सब कुछ बाहर निकाल लाता है।
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एक वस्तु का अपना प्राकृतिक गुण होता है। व्यक्ति का भी अपना प्राकृतिक गुण होता है। मूल्य व्यक्ति और वस्तु के प्राकृतिक गुण का न लगाया जाकर प्राय: दूसरों की उस गुण को बेचने की शक्ति का लगाया जाता है।
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वह मुस्कराहट जो तहों में छिपे हुए मनुष्यत्व को निखारकर बाहर ले आती है, यदि सोद्देश्य हो तो, वह उसके सौंदर्य की वेश्यावृत्ति है।
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किसी भी अपरिचित व्यक्ति से, चाहे उसकी भाषा, उसका मज़हब, उसका राजनीतिक विश्वास तुमसे कितना ही भिन्न हो, यदि मुस्कराकर मिला जाए तो जो तुम्हारी ओर हाथ बढ़ाता है, वह कोरा मनुष्य होता है।
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