देवेंद्र सत्यार्थी के निबंध
रस, लय और माधुरी
रवींद्रनाथ ठाकुर ने एक स्थान पर लिखा है—'हमारे ग्रामों का स्वरूप स्त्रियों का सा ही है। ग्रामों की रक्षा में ही हमारी जाति की रक्षा है। नगरों में कहीं अधिक प्रकृति के समीप होने के कारण जीवन-स्रोत के साथ ग्रामों का घना संबंध बना रहता है। ग्राम्य जीवन
हीर-रांझा के गीत
एक था रांझा, जो प्रेम का देवता बन गया एक थी हीर, सौंदर्य की देवी। पंजाब की धरती पर दोनों का जन्म हुआ। तब भारत में बाबर आ चुका था; घोड़ों की टापों में देश की धरती उखड़ रही थी। इतिहास का ध्यान लगा था राजनीतिक उथल-पुथल की ओर। हीर का जन्म किस तिथि को हुआ,