संस्कृत नाटकों का उद्भव और विकास
नृतत्व-विशारदों ने संगीत, काव्य एवं नाटक के आदिम वीज आदिम जातियों की उन कर्मकांडीय पद्धत्तियों में ढूँढे हैं, जिन्हें वे 'टोटेम' के नाम से अभिहित करते हैं। अफ्रीका, पोलिनेशिया न्यूज़ीलैंड आदि की आदिम जातियाँ समय-समय पर एकत्रित होकर सामूहिक गान, नृत्य