अर्जुन पांडेय के बेला
चार नाम, एक इंक़लाब
रेल की पटरियाँ दूर तक फैली थीं। प्लेटफ़ॉर्म की उखड़ी हुई खपरैल समय की मार झेलती हुई-सी लगती थीं। आज से ठीक सौ साल पहले लखनऊ के ऐसे ही स्टेशन पर आठ-डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन पर क्रांतिकारियों क
17 सितम्बर 2025
चंद्रशेखर आज़ाद की डायरी
[1925-26 का दौर था। काकोरी कांड के बाद हुई धड़-पकड़ में, अधिकांश क्रांतिकारी अँग्रेज़ों की गिरफ़्त में आ चुके थे। चंद्रशेखर परंतु ‘आज़ाद’ थे। पुलिस उनको न पकड़ सकी थी। काकोरी ट्रेन एक्शन जब अपने सौंवें वर्