खिड़की पर बेला
खिड़की कमरे या दीवार
का वह निर्माण है जिससे बाहर की हवा, रोशनी, आवाज़ अंदर आ सकती है। इसे आवश्यकतानुसार खोला या बंद किया जा सकता है। कविता में खिड़की या गवाक्ष या झरोखे का प्रयोग बहुअर्थी आयामों में होता रहा है।
हमें खिड़कियों की ज़रूरत है
खिड़कियों के बाहर कई तरह के रंग होते हैं, धरती के भी-आसमान के भी। पर खिड़कियाँ अपने रंगों से नहीं अपने हवादार होने से जानी जाती हैं। वे इतनी बड़ी नहीं होतीं कि दरवाज़ा हो जाएँ, न इतनी छोटी कि आप झरोखा य