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मौसम पर ब्लॉग

किसी स्थान विशेष की

दिन-प्रतिदिन की वायुमंडलीय दशा को मौसम कहा जाता है। मौसम का कवि-मन पर प्रभाव पड़ना और प्रभावतः अभिव्यक्तियों का जन्म अत्यंत नैसर्गिक स्थिति है। इस चयन में ऐसी ही कुछ कविताओं का संकलन किया गया है।

तुम गर्मी की सबसे सुंदर शुरुआत

तुम गर्मी की सबसे सुंदर शुरुआत

मृग-मरीचिका बरस दर बरस घुमक्कड़ी मेरे ख़ून में घुलती जा रही है। ये यायावर सड़कें मुझसे दोस्ती पर फ़ख़्र करती हैं। इन ख़ाली सड़कों पर कोई मेरा इंतज़ार करता रहता है। उसका कोई भविष्य नहीं है और न ही अतीत!

सोनू यशराज
अक्टूबर हर पेड़ का सपना है

अक्टूबर हर पेड़ का सपना है

वह चलते हुए अपने पाँव सड़क पर पड़ी सूखी पत्तियों से बचा-बचा कर रख रही थी। यूँ चलते हुए उसका ध्यान थोड़ा मेरी बातों में था, थोड़ा सूखी पत्तियों में और थोड़ा आसमान में सूखते पेड़ों के बीच से झाँकते चाँद

सौरभ अनंत
वसंत की चोट सबसे मारक होती है

वसंत की चोट सबसे मारक होती है

सुबह कद्दू का एक फूल खिला था—उजला! लेकिन उसके उजलेपन में भी एक मटमैली आभा थी। वैसी ही जैसे मनुष्य में होती है। कितना भी उजला हो, उसमें कुछ मटमैलापन कुछ दाग़ रह ही जाते हैं। शायद यह मटमैलापन ही उसे मनु

उपासना

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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