दीपावली पर दोहे
दिवाली या दीपावली हिंदुओं
का एक प्रमुख पर्व है। इसे अँधेरे पर उजाले की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। प्रस्तुत चयन इन दोनों ही आशयों के इर्द-गिर्द दीप जलाती कविताओं से किया गया है।
सन्त दिवाली नित करें, सत्तलोक के माहिं।
और मते सब काल के, यों ही धूल उड़ाहिं॥
संत दिवाली नित करें, सतलोक के माहिं।
और मते सब काल के, योहिं धूल उड़ाहिं॥