हिरन्याच्छ भ्राता सहित, मधु कैटभ बलवान।
जेहिं मारे सोइ अवतरेउ, कृपासिंधु भगवान॥
जिन कृपासिंधु भगवान ने भाई हिरण्यकशिपु सहित हिरण्याक्ष को और बलवान् मधु-कैटभ को मारा था, वे ही भगवान् (श्रीराम रूप में) अवतरित हुए।
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