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सवैया

वर्णिक छंद। चार चरण। प्रत्येक चरण में बाईस से लेकर छब्बीस तक वर्ण होते हैं।

1735

असनी वाले ठाकुर नाम से चर्चित। रीतिबद्ध कवि। कविता में भाव और दृश्य-निर्वाह के लिए स्मरणीय।

1766 -1823

रीतिमुक्त काव्यधारा के महत्त्वपूर्ण कवि। लोकोक्तियों के मधुर प्रयोग के लिए विख्यात।

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