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राम-राम रटु राम-राम सुनु

ram ram ratu ram ram sunu

दूलनदास

दूलनदास

राम-राम रटु राम-राम सुनु

दूलनदास

और अधिकदूलनदास

    राम-राम रटु राम-राम सुनु, मनुवाँ सुवा सलोना रे।

    तन हरियाले बदन सुलाले, बोल अमोल सुहौना रे।

    सत्त तंत्र अरु सिद्ध मंत्र पढ़ु, सोई मृतक जियौना रे॥

    सुबचन तेरे भौजल बेरे, आवागवन मिटौना रे।

    दूलनदास के साईं जगजीवन, चरन सनेह दृढ़ौना रे॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : संतबानी (पृष्ठ 12)
    • रचनाकार : दूलनदास
    • प्रकाशन : प्रोप्रैटर वेलवेडियर छापाखाना इलाहाबाद
    • संस्करण : 1914

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