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उद्धरण

उद्धरण श्रेष्ठता का संक्षिप्तिकरण हैं। अपने मूल-प्रभाव में वे किसी रचना के सार-तत्त्व सरीखे हैं। आसान भाषा में कहें तो किसी किताब, रचना, वक्तव्य, लेख, शोध आदि के वे वाक्यांश जो तथ्य या स्मरणीय कथ्य के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं, उद्धरण होते हैं। भाषा के इतिहास में उद्धरण प्रेरणा और साहस प्रदान करने का काम करते आए हैं। वे किसी रचना की देह में चमकती आँखों की तरह हैं, जिन्हें सूक्त-वाक्य या सूक्ति भी कहा जाता है। संप्रेषण और अभिव्यक्ति के नए माध्यमों में इधर बीच उद्धरणों की भरमार है, तथा उनकी प्रासंगिकता और उनका महत्त्व स्थापना और बहस के केंद्र में है।

1867 -1936

सुप्रसिद्ध इतालवी नाटककार, कथाकार और कवि। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

1922

सुपरिचित उपन्यासकार, निबंधकार, आलोचक और संपादक। 'ख़ाली कुर्सी की आत्मा', 'सफ़ेद चेहरे', 'तीसरा प्रसंग' आदि दर्जनाधिक कृतियाँ प्रकाशित।

1903 -1987

1930-50 के दौर में लोकप्रिय रहे सुपरिचित नाटककार और रंगकर्मी।

-1883

वास्तविक नाम कुंदनलाल। सखी संप्रदाय में दीक्षित होकर ललित किशोरी नाम रखा। कृष्ण-भक्ति से ओत-प्रोत सरस पदों के लिए स्मरणीय।

1966

अर्जेंटीनी मूल की स्पेन-वासी डोमिनिकन ऑर्डर नन, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखिका, शेफ़ और टेलीविज़न प्रस्तोता।

1886 -1939

अमेरिका-जर्मनी में सक्रिय रहे भारतीय क्रांतिकारी, लेखक और चिंतक। 'ग़दर पार्टी' और 'बर्लिन समिति' के संयोजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका।

1828 -1910

वैश्विक साहित्य के सर्वाधिक प्रभावशाली और महान लेखकों में से एक। ‘वार एंड पीस’ और ‘आन्ना कारेनिना’ जैसी कालजयी कृतियों के लिए स्मरणीय।

1934 -2016

सुप्रसिद्ध गायक, गीतकार, कवि और उपन्यासकार। गहरी-भावनात्मक आवाज़ और अनूठे गीतों के लिए उल्लेखनीय।

1452 -1519

महान चित्रकार और वैज्ञानिक।

1713 -1768

आयरिश मूल के अँग्रेज़ी उपन्यासकार, व्यंग्यकार और पादरी। 'द लाइफ एंड ऑपिनियन्स ऑफ ट्रिस्ट्रम शांडी, जेंटलमैन' और 'ए सेंटिमेंटल जर्नी थ्रू फ़्रांस एंड इटली' कृति के लिए उल्लेखनीय।