तजेंद्र सिंह लूथरा का परिचय
तजेंद्र सिंह लूथरा छात्र-जीवन से ही कवि-कर्म में लगे रहे हैं, लेकिन मुम्बई के 26/11 (2008) के आतंकवादी हमले में शहीद हुए नागरिकों के बलिदान से इतने आहत हुए कि कविता लिखी–‘मैं आभारी हूँ आपका’। इस कविता ने पाठकों को आन्दोलित करते हुए शहीदों की शहादत के अर्थ ढूँढ़ने को प्रेरित किया।
इनका पहला कविता-संग्रह ‘अस्सी घाट का बाँसुरी वाला’ 2012 में राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ। इस संग्रह में शामिल ‘लुहार का डर’, ‘अंतराल का डर’, ‘शब्द से बातचीत’ और ‘मुझे जीने दो’ जैसी कविताओं में इन्होंने अपनी गहन पर्यवेक्षण-शक्ति द्वारा यथार्थवादी और मनोवैज्ञानिक प्रश्न खड़े किए, जिससे वह सुधी पाठकों की स्मृति में सदा के लिए रच-बस गए।
तजेंद्र लूथरा का नया संग्रह ‘एक नया ईश्वर’ (2023) वाणी प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है। इस संग्रह की कविताओं में ‘आधी रात को कविता’ और ‘अरबी घोड़ा’ अपने आप में एक मुहिम हैं। कहने से ज़्यादा करने और पढ़ने से ज़्यादा बदलाव व विद्रोह की हिमायती हैं।
तजेंद्र सिंह लूथरा की कविताएँ ‘आलोचना’, ‘नया ज्ञानोदय’, ‘वागर्थ’, ‘जनसत्ता’, ‘नई दुनिया’, ‘शुक्रवार’, ‘अमर उजाला’, ‘दैनिक भास्कर’ ‘लौ’ आदि विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में छपती रही हैं।
तजेंद्र लूथरा की कविताएँ अमेरिका की महत्त्वपूर्ण साहित्यिक पत्रिकाओं में भी छपी हैं। असमानता की पीड़ा से उपजी—‘अरबी घोड़ा’ (Arabian Horse) - का अनुवाद ‘Lammergeier’ में प्रकाशित हुआ है। वहीं आधे-अधूरे और अनिश्चित जीवन को सिरे से नकारती ‘एक बूँद’ (One Drop) और स्वयं पर हँसने का साहस देती ‘विदूषक’ (Clown) को ‘New Plains Review’ और ईश्वरीय सत्ता से सार्थक प्रश्न करती ‘एक नया ईश्वर’ (A New God) को ‘New York Quarterly’ ने प्रकाशित किया है।
तजेंद्र लूथरा ने Master of Applied Positive Psychology की शिक्षा USA की University of Pennsylvania से प्राप्त की, जहाँ इन्हें ‘Christopher Peterson Fellowship’ से भी सम्मानित किया गया। कविता के अलावा ये Human Resilience, Curiosity, Perseverance, Meditation, Optimism, Empathy और Parenting जैसे विषयों पर ‘Speaking Tree’, ‘Times of India’, ‘Indian Express’, ‘The Hindu’ तथा ‘Medium.com’ पर लगातार लिखते रहे हैं।
इन्होंने बहुत से मंचों जैसे–‘जयपुर लिटरेचर फ़ेस्टिवल’, शिमला लिटरेचर फ़ेस्टिवल, ‘साहित्य आज तक’, ‘समानांतर जयपुर साहित्य उत्सव’, ‘चंडीगढ़ साहित्य अकादेमी’, ‘दिल्ली लिटरेचर फ़ेस्टिवल’ तथा ‘जश्न-ए-अदब’ से अपना कविता-पाठ प्रस्तुत किया है।
वह एक वरिष्ठ IPS अधिकारी है और दिल्ली में कार्यरत हैं।