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सूफ़ी काव्य परंपरा के कवि। संयोग और वियोग की विविध दशाओं के वर्णन में सिद्धहस्त। 'रसरतन' ग्रंथ कीर्ति का आधार।

सूफ़ी काव्य परंपरा के कवि। संयोग और वियोग की विविध दशाओं के वर्णन में सिद्धहस्त। 'रसरतन' ग्रंथ कीर्ति का आधार।

पुहकर के दोहे

कनक वरन सुंदर वदन, कमल नयन कटि छीन।

बरुन बान भुव भंग जनु, मदन चाँप करि लीन॥

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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