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द्विजदेव

1820 - 1870 | बहराइच, उत्तर प्रदेश

अयोध्या नरेश। रीतिकाल की स्वच्छंद काव्य-धारा के अंतिम कवि। ऋतु वर्णन के लिए प्रसिद्ध।

अयोध्या नरेश। रीतिकाल की स्वच्छंद काव्य-धारा के अंतिम कवि। ऋतु वर्णन के लिए प्रसिद्ध।

द्विजदेव के सवैया

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