noImage

दुरगा

फाग कवि।

फाग कवि।

दुरगा के दोहे

नैनन में बिस बहुत है, ना मारौ दिलजान।

गुरन-गुरन बिंध जायगौ, कैसें निकरैं प्रान॥

  • संबंधित विषय : आँख

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

Recitation

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए