उत्तर प्रदेश के रचनाकार
कुल: 565
बुंदेला बाला
- जन्म : ग़ाज़ीपुर
सरल भाषा में देशभक्ति और राष्ट्रीय भावना को अभिव्यक्त करने वाली भारतेंदु युगीन कवयित्री।
- निवास : ग़ाज़ीपुर
संत यारी के शिष्य और गुलाल साहब और संत जगजीवन के गुरु। सुरत शब्द अभ्यासी सरल चित्त संतकवि।
बिहारिनिदेव
रसिक और संगीत प्रेमी भक्त कवि। 'हरिदासी संप्रदाय' से संबद्ध।
रीतिकाल के महत्त्वपूर्ण कवि। 'नवरसतरंग' कीर्ति का आधार ग्रंथ। भावों का सरस प्रवाह और गहरी भावुकता, चित्रांकन की मार्मिकता, और चित्रण की संश्लिष्टता के लिए ख्यातनाम।
रीतिबद्ध कवि। नायिकाभेद के अंतर्गत प्रेमक्रीड़ा की सुंदर कल्पनाओं के लिए प्रसिद्ध।
- जन्म : रायबरेली
रीतिबद्ध कवि। उपहास-काव्य के अंतर्गत आने वाले ‘भँड़ौवों’ से विख्यात हुए।
बसंत त्रिपाठी
नवें दशक के कवि-लेखक। ‘सहसा कुछ नहीं होता’ उल्लेखनीय कविता-संग्रह।
बंग महिला
- जन्म : बनारस
- निवास : बनारस
- निधन : मिर्ज़ापुर
हिंदी-नवजागरण की पहली लेखिका, जो 'बंग महिला' छद्मनाम से लिखती थीं। वास्तविक नाम राजेंद्रबाला घोष। हिन्दी की आरंभिक कहानियों में इनकी कहानी 'दुलाई वाली' भी शामिल।
बनारसीदास चतुर्वेदी
- जन्म : फ़िरोज़ाबाद
समादृत लेखक और संपादक। हिंदी में संस्मरण विधा के उभार में योगदान। छायावाद के विरोध के लिए चर्चित।
बनारसी दास
भक्तिकालीन कवि और गद्यकार। हिंदी की पहली आत्मकथा 'अर्द्धकथानक' के लिए स्मरणीय।
बलराम शुक्ल
- जन्म : महाराजगंज
नई पीढ़ी से संबद्ध कवि-लेखक और अनुवादक। संस्कृत और फ़ारसी साहित्य के अप्रतिम अध्येता। यहाँ प्रस्तुत कविताएँ संस्कृत से स्वयं कवि द्वारा अनूदित।
बालकृष्ण शर्मा नवीन
द्विवेदीयुगीन कवि, पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी। पद्मभूषण से सम्मानित।
बालकृष्ण राव
- जन्म : पराागराज
बालकृष्ण भट्ट
- जन्म : इलाहाबाद
भारतेंदुयुगीन प्रमुख निबंधकार, गद्यकार और पत्रकार। गद्य-कविता के जनक और ‘प्रदीप’ पत्रिका के संपादक के रूप में समादृत।
बलदेव उपाध्याय
हिंदी-संस्कृत के विद्वान्, साहित्य-इतिहासकार, निबंधकार और समालोचक। हिंदी में संस्कृत साहित्य पर चिंतन के लिए उल्लेखनीय।
बख्शी हंसराज
- जन्म : फ़ैज़ाबाद
'सखी संप्रदाय' के उपासक। सांप्रदायिक नाम 'प्रेमसखी'। कोमल और ललित पद-विन्यास, संयत अनुप्रास और स्निग्ध सरल भाषिक प्रवाह के लिए स्मरणीय कवि।
बजरंग बिश्नोई
- जन्म : जालौन
विलक्षण, किंतु अलक्षित कवि। ‘हरारत में तीसरी नदी’ प्रमुख कविता-संग्रह।
बदरीनाथ भट्ट
द्विवेदी युग के सुपरिचित व्यंग्यकार, नाटककार और पत्रकार। बालसखा’ पत्रिका के संस्थापक-संपादक के रूप में योगदान।
बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन'
भारतेंदु युग के सुपरिचित लेखक। इनका स्मरण हिंदी साहित्य के प्रथम उत्थान का स्मरण है।
बच्चा लाल 'उन्मेष'
- जन्म : भदोही
सुपरिचित कवि। 'कौन जात हो भाई', 'छिछले प्रश्न गहरे उत्तर' और 'बहार के पतझड़' शीर्षक से तीन कविता-संग्रह प्रकाशित।