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कवित्त

वर्णिक छंद। चार चरण। प्रत्येक चरण में सोलह, पंद्रह के विराम से इकतीस वर्ण। चरणांत में गुरू (ऽ) अनिवार्य। वर्णों की क्रमशः आठ, आठ, आठ और सात की संख्या पर यति (ठहराव) अनिवार्य।

1523 -1589

अकबर के दरबार में भूमिकर विभाग के मंत्री। नीति संबंधी फुटकल पद-लेखन। भाषा की सादगी के लिए स्मरणीय।

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