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उदाहरण के लिए

udaharn ke liye

नरेंद्र जैन

नरेंद्र जैन

उदाहरण के लिए

नरेंद्र जैन

हालाँकि

बातचीत में उसके ज़िक्र की

सख़्त मुमानियत है

कहना पड़ रहा है कि

बेहद ऊब गया हूँ

बहुत कम चीज़ों ने नहीं बदला अपना स्वभाव

उदाहरण के लिए नमक और पानी

जबकि रंग इतने धूमिल हो चुके हैं

कि सफ़ेद काले में और

काला सफ़ेद में तब्दील हो चुका है

यह भी ग़ौरतलब नहीं रहा कि

लोग तफ़रीह के लिए निकलते हैं

और किसी का क़त्ल कर लौट आते हैं

क्या ज़रूरी ही है कि कहा जाए

पृथ्वी को जैसे फ़ालिज मार गया है

उदाहरण के लिए वह संगीत

जो स्मृतियों में बचा रह गया है

यह आकाश जहाँ नहीं उड़ती कोई पतंग

या

शब्द या शोकगीत

सुराख़ पृथ्वी के कवच ही में नहीं

आत्माओं में भी है

अंधड़ में उड़ती रेत-सी

यह ऊब है जिसे हवा कहा जा रहा है।

स्रोत :
  • रचनाकार : नरेंद्र जैन
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए अच्युतानंद मिश्र द्वारा चयनित

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