एक पक्षी वसंत में मेरे पास आता है
ek pakshi vasant mein mere paas aata hai
एमिली डिकिन्सन
Emily Dickinson

एक पक्षी वसंत में मेरे पास आता है
ek pakshi vasant mein mere paas aata hai
Emily Dickinson
एमिली डिकिन्सन
और अधिकएमिली डिकिन्सन
एक पक्षी वसंत में मेरे पास आता है,
जो सिर्फ़ मेरे लिए गाता है—
लुभाता है वसंत।
और जैसे-जैसे ग्रीष्म निकट आता है—
और जैसे-जैसे गुलाब दिखाई पड़ता है
कलचुरी चला जाता है।
फिर भी मैं संताप नहीं करती
क्योंकि मैं जानती हूँ मेरा पक्षी
यद्यपि उड़कर चला गया—
सागर के पार एक नया राग
मेरे लिए वह सीख रहा
और वह लौटकर आएगा।
दृढ़ता से किसी और भी सुरक्षित हाथ में पड़े हुए
इससे भी बढ़ कर किसी नृत देश में
मेरे वे हैं—
और यद्यपि वे अब विदा लेते हैं,
मैं अपने शंकालु हृदय से कहती हूँ
वे तेरे रहेंगे।
इससे भी बढ़कर शांत चमक में,
इससे भी बढ़कर सुनहरी रोशनी में
मैं देख रही हूँ
प्रत्येक लघु संदेह और भय का,
प्रत्येक असंगति का
अवसान।
तब मैं नहीं करूँगी संताप,
क्योंकि मुझे ज्ञात
यद्यपि मेरा पक्षी उड़ कर चला गया—
वह दूर के किसी वृक्ष में रहकर
मेरे लिए चमकदार संगीत
लौटा लाएगा।
- पुस्तक : एमिली डिकिन्सन की कविताएँ : संचयन (पृष्ठ 15)
- रचनाकार : एमिली डिकिन्सन
- प्रकाशन : वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली
- संस्करण : 2011
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