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समय और आदमी

samay aur adami

रसूल हमज़ातोव

रसूल हमज़ातोव

समय और आदमी

रसूल हमज़ातोव

और अधिकरसूल हमज़ातोव

    चुप रहो काल

    शेख़ी मत बघारो

    कि आदमी प्रतिबिंब है

    केवल तुम्हारा

    उसकी भव्यता में है

    परावर्तन तुम्हारा

    वह आदमी है

    निजी गौरव से कि जो

    अपने समय की

    महिमा बढ़ाता है

    स्वयं की कीर्ति से

    अपने समय को जगमगाता है

    अहसान मानो

    कवि दार्शनिक और वीर पुरुषों का

    जो आत्मा और ज्ञान का

    आलोक फैलाते

    मनुजता के

    उज्ज्वल शिखर ही किसी युग को

    सदा चमकाते।

    स्रोत :
    • पुस्तक : एक सौ एक सोवियत कविताएँ (पृष्ठ 244)
    • रचनाकार : रसूल हमज़ातोव
    • प्रकाशन : नेशनल पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली
    • संस्करण : 1975
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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