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जी भर बात

ji bhar baat

रामाज्ञा शशिधर

रामाज्ञा शशिधर

जी भर बात

रामाज्ञा शशिधर

और अधिकरामाज्ञा शशिधर

    अबकी बार

    अगर लौटा तो

    जी भर तुमसे बात करूँगा

    देर रात

    सिर धुनती थी तुम

    थकी देह नम आँख पसारे

    बरसों

    तुम्हें उपेक्षित छोड़ा

    सरपत जितना सड़क किनारे

    रख देना

    चुपचाप हाथ पर

    सितुआ जैसी घिसी हथेली

    क़िस्से में ही धूप करूँगा

    क़िस्से में ही रात करूँगा

    बस

    यादों में है ज़िंदा अब

    बास छोड़ती गरम रसोई

    नींद

    नहीं चढ़ती पलकों पर

    खत भर करना क़िस्सागोई

    घर में

    टूटी चलनी जैसी

    फेंकी रही झरोखे पर

    शरमाना मत

    सबके सम्मुख

    चुहल तुम्हारे साथ करूँगा

    बीच बजरिया

    समय चिथड़िया

    बार-बार रँगरेज पुकारूँ

    सारे रंग बाज़ार खा गए

    किन रंगों में तुम्हें निहारूँ

    समझोगे कब

    हारा सैनिक

    नज़र मिलाने से कतराता

    घुटन तुम्हारी

    पलकों पर रख

    थोड़ी-सी बरसात करूँगा

    स्रोत :
    • पुस्तक : बुरे समय में नींद (पृष्ठ 122)
    • रचनाकार : रामाज्ञा शशिधर
    • प्रकाशन : अंतिका प्रकाशन
    • संस्करण : 2012
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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