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उसकी आँखें खुली रहनी चाहिए थीं

uski ankhen khuli rahni chahiye theen

देवेश पथ सारिया

देवेश पथ सारिया

उसकी आँखें खुली रहनी चाहिए थीं

देवेश पथ सारिया

और अधिकदेवेश पथ सारिया

     

    कोरोना से गुज़र गई एक अपरिचित की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल से गुज़रते हुए

    8 मई 2021

    सत्ता है मछली की आँख
    और दोनों कर्ता-धर्ता
    अर्जुन और ठाकुर1 बने थे
    चूक गया तीर
    मछली की देह के तार-तार रेशे
    दहलीजें पार कर आँखों में आ पड़े हैं

    एक रेशा आ लगा था उसे भी

    अंततः
    आज वह हार गई है
    अतिसूक्ष्म वायरस से

    वैसे 
    आज ही थी
    उसकी शादी की सालगिरह भी! 

    1 अप्रैल 2021

    ट्रोलिंग के इस युग में 
    मूर्ख दिवस को
    कौन लगाता है भला
    पति के साथ अपनी तस्वीर?
    पर उसने लगाई है

    दोनों ने ट्विनिंग की है
    काले कपड़ों में 

    मृत्यु से महीने भर पहले
    वह बहुत ख़ुश है। 

    12 जनवरी 2021

    इस बार उसका बच्चा भी तस्वीर में है
    बेटे ने शायद पहली बार पहनी है
    जेब में लाल रूमाल वाली कोट
    बेटा भद्र पुरुष बन रहा है
    वह और उसका पति मुस्कुरा रहे हैं
    क्षितिज पर रोशनी है। 

    7 नवंबर 2020

    पहली बार वह साड़ी में दिखी है
    उसके गले में सोने का ख़ूब मोटा मंगलसूत्र है
    और एक पतली चेन भी
    इस बार वह आभूषणों के रोब में है
    एक गर्वीली अधखुली मुस्कान है
    थोड़ी फुकरापंती तो बनती है! 

    31 मार्च 2020

    मुआ वायरस दाख़िल हो चुका है देश में
    सुगबुगाहट अब खलबली बन रही है
    उसने यह ज़ाहिर करती तस्वीर डाली है
    कि वह घर की चहारदीवारी में ठहर
    संक्रमण फैलने से बचाएगी। 

    6 जनवरी 2020

    फ़िलहाल उसका हत्यारा
    या तो देश में नहीं पहुँचा है
    या विजय-रथ पर सवार है

    वह कहीं घूमने गई है
    जापानी पोशाक पहने पुतले के हाथ में छतरी है
    वह छतरी की छाँव में है

    बच्चा उसका बैठा है—
    ध्यान मुद्रा में। 

    20 दिसंबर 2019

    धूप से उसके बच्चे की आँखें चुंधिया रही हैं
    पर उसकी आँखें पूरी तरह खुली हैं
    फूलों वाली पोशाक और झुमकों में
    वह जँच रही है। 

    15 अगस्त 2019

    यह उसकी इकलौती श्वेत-श्याम तस्वीर है
    ऐसा भी नहीं कि कोई पुरानी तस्वीर हो यह

    जबकि आज आसमान में रंग दिख रहे हैं
    मुखिया ने लाल क़िले से भाषण दिया है। 

    2 सितंबर 2018

    वह सरोवर वाले मंदिर में घूमने गई है
    उसने लंबी उम्र की दुआ माँगी है
    पति और बच्चे के लिए। 

    19 फ़रवरी 2018

    गले में इस बार
    एक दूसरा महँगा हार है
    फिर वही परिचित रोब
    थोड़ी फुकरापंती तो बनती है भाई! 

    3 जुलाई 2017 

    हिल स्टेशन घूमने आई है
    बच्चा थोड़ा और छोटा है
    पति कुछ और हैंडसम दिख रहा है
    वह कुछ और युवा लग रही है
    हवा से उसके बाल उड़ रहे हैं। 

    2 मई 2017

    उसकी मृत्यु से लगभग 
    चार साल पहले का समय है
    और उसने यह कैसी तस्वीर डाली है
    जिसमें उसकी आँखें मिंच गई हैं
    उसे सिर्फ़ ख़ुली आँखों वाली तस्वीर डालनी चाहिए थी
    उसकी आँखें खुली रहनी चाहिए थीं। 

    18 अगस्त 2015

    इस तस्वीर की बाबत मालूम हुआ
    कि सरोवर और पहाड़ के अतिरिक्त 
    समुद्र भी देख लिया था उसने

    समुद्र किनारे की रेत पर
    उसका बच्चा अभी चलना सीख रहा है
    माँ-बाप ने बच्चे का एक-एक हाथ पकड़ा है। 

    4 मार्च 2014

    बच्चा अभी अस्तित्व में नहीं आया है

    उसके हाथों में मेहँदी लगी है
    कहीं घूमने आई है वह

    रिसॉर्ट के बाहर
    पौधों पर ताजमहल का डिज़ायन बना है। 

    11 अक्टूबर 2012

    वह और उसका पति बहुत युवा दिख रहे हैं
    कमेंट में किसी ने उसे भाभी पुकारा है
    मतलब वह ब्याही जा चुकी है
    विवाह की कोई तस्वीर पब्लिक नहीं है
    मई में विवाह की वर्षगाँठ के हिसाब से
    उसके विवाह को पाँच महीने हुए हैं
    चार उज्ज्वल नेत्रों में अथाह सपने भरे हैं।  

    30 अगस्त 2012

    यह उसकी अंतिम (दरअस्ल पहली) उपलब्ध तस्वीर है
    वह अंबरसर में है
    स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़ी हुई
    यहाँ एक और विशाल सरोवर है

    स्वर्णिम अध्यात्म की शरण में
    वह बिल्कुल रोबदार नहीं दिख रही है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : देवेश पथ सारिया
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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