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फिर जन्म लूँगी उड़ीसा में

phir janm lungi uDisa mein

अनुवाद : शंकर लाल पुरोहित

मनोरमा बिश्वाल महापात्र

मनोरमा बिश्वाल महापात्र

फिर जन्म लूँगी उड़ीसा में

मनोरमा बिश्वाल महापात्र

और अधिकमनोरमा बिश्वाल महापात्र

    फिर जन्म लूँगी उड़ीसा में

    किसी अख्यात गाँव में कवि बनकर

    समूचा पोखर भरा होगा

    लाल कुंई और सेवार के फूलों में

    धान के कुंठल्ले भरे,

    माट्टी की भीत पर

    मांडणे अंकित होंगे तरह-तरह के

    और धरती पर चित्र खिंचे होंगे,

    बाड़ पर तोरई की बेल

    और कुम्हड़े की लता फैली होगी

    मैं फिर जन्म लूँगी इस उड़ीसा में

    कवि बनकर अगले जन्म में

    कभी कुछ समाप्त होता नहीं यहाँ

    जीवन से

    खिले फूल से मधु,

    नेह-प्रीत भींगे गीत का स्वर,

    ओड़िशी गीत या चंपू और भजन

    सब कुछ है पहले-सा

    फकीर मोहन और राधानाथ के

    अमिट हस्ताक्षर झलमलाते

    मैं जन्म लूँगी उड़ीसा में

    अगले जन्म में कवि बनकर

    हर पल नव कूजन

    दूरागत पक्षी पक्षियों का कलरव

    ओड़िशी छोंक की गंध

    हलदी पत्र या उड़द के ठेकुए

    कुछ भी गुमा नहीं यहाँ

    बूढ़ा पथरिया साही का

    कारीगर और उसकी छैनी

    कतकी ओस में

    अथवा जगन्नाथ के सुवर्ण वेश में

    टिटहरी रट रही

    जगन्नाथ का स्तोत्र

    हर पल यहाँ

    नए-नए सरोकार, गूँजते

    स्वप्नमय जीवन के स्वर

    मैं जन्म लूँगी फिर एक बार

    इस उड़ीसा की धरती पर

    कवि बन अगले जन्म में।

    स्रोत :
    • पुस्तक : कभी जीवन कभी मृत्यु (पृष्ठ 51)
    • रचनाकार : मनोरमा बिश्वाल महापात्र
    • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
    • संस्करण : 1994
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

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    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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