Font by Mehr Nastaliq Web

नहीं है कोई समकालीन

nahin hai koi samkalin

मोना गुलाटी

मोना गुलाटी

नहीं है कोई समकालीन

मोना गुलाटी

और अधिकमोना गुलाटी

    शहर : अब

    मुझे अपने समकालीनों में होना अच्छा नहीं लगता :

    शहर के दूसरी तरफ़ गाँव हों या गाँवों में खलिहान और पगडंडियाँ हों

    मुझे शहर की ख़लक़त और गाँवों के मोरों में कोई रुचि नहीं है। मेरे

    हाथों में हँसिया पकड़ा दिया गया है और मुझे केवल इतना ज्ञात है

    कि एक दिन उस हँसिए के नीचे तुम्हारी गर्दन होगी और उसे

    रेतने वाले हाथ मेरे होंगे।

    जिस देश के झंडे में हँसिए का निशान होगा वहाँ क़त्ल होंगे

    सरे आम सड़कों पर :

    मुझे अपनी मिट्टी के अतिरिक्त

    किसी दूसरी मिट्टी में जमने की इच्छा नहीं!

    मेरा प्रेमी एक गीदड़ है

    जो अराजकता के कारण हुँआ-हुँआ करता है।

    कभी-कभी

    वह चमेली की लतर की तरह मेरी ओर

    झुक आता है तब

    नासापुटों में भरती महक मुझे अपने होने के

    एहसास से आप्लावित कर देती है।

    पिछले कई वर्षों में मैंने एक नई चीज़ सीखी है : चीज़ों को

    अधूरा छोड़ देने की :

    निष्कर्ष यदि बुद्ध ने लिए :

    या नीत्शे ने या जाँ जेने या सार्त्र ने : या जगदीश चतुर्वेदी ने या

    मैंने : वह हमेशा गोल होकर शून्य में बवंडर मचाएँगे और कुछ लोग

    हवा को सूँघने लगेंगे!

    स्थितियों में व्यतिक्रम करने के लिए चुप हो जाना ही काफ़ी नहीं रहा।

    अपने को अपने पास बुलाने के लिए आवाज़ देना ही काफ़ी नहीं रहा।

    समकालीनों में मुझे केवल

    भुनगे और कीड़े दिखाई देते हैं :

    मैं अपना समकालीन पाने के लिए तरस गई हूँ :

    मैंने अपने अधूरे

    निष्कर्षों को मोहरबंद कर दिया है :

    सील लगाकर;

    कि कोई मेरा समकालीन हो ही नहीं सकता : किसी के हाथों में

    आग की तपिश नहीं है और ही किसी के दिमाग़ में सामाजिक

    षड्यंत्रों; मानसिक कुटैवों से ऊपर उठने की तिलस्मी समर्थ :

    मैंने चुप होने के बावजूद

    मुस्कराने का निश्चय किया है :

    मैंने अपनी मुट्ठियाँ खोलकर

    कीर्केगार्ड का आह्वान किया है। मुझे

    किसी भैदेसी व्यक्ति के पास नहीं लौटना बार-बार!

    मुझे अब

    अपने समकालीनों में होना अच्छा नहीं लगता!

    स्रोत :
    • पुस्तक : महाभिनिष्क्रमण (पृष्ठ 90)
    • रचनाकार : मोना गुलाटी
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए