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चिड़िया और चुरुंगुन

chiDiya aur churungun

हरिवंशराय बच्चन

हरिवंशराय बच्चन

चिड़िया और चुरुंगुन

हरिवंशराय बच्चन

और अधिकहरिवंशराय बच्चन

    नोट

    प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा सातवीं के पाठ्यक्रम में शामिल है।

    छोड़ घोंसला बाहर आया,

    देखी डालें, देखे पात,

    और सुनी जो पत्ते हिलमिल

    करते हैं आपस में बात;—

    माँ, क्या मुझको उड़ना आया?

    ‘नहीं, चुरुंगुन, तू भरमाया’

    डाली से डाली पर पहुँचा,

    देखी कलियाँ, देखे फूल,

    ऊपर उठकर फुनगी जानी,

    नीचे झुककर जाना मूल;—

    माँ, क्या मुझको उड़ना आया?

    ‘नहीं, चुरुंगुन, तू भरमाया’

    कच्चे-पक्के फल पहचाने,

    खाए और गिराए काट,

    खाने-गाने के सब साथी

    देख रहे हैं मेरी बाट;—

    माँ, क्या मुझको उड़ना आया?

    ‘नहीं, चुरुंगुन, तू भरमाया’

    उस तरु से इस तरु पर आता,

    जाता हूँ धरती की ओर,

    दाना कोई कहीं पड़ा हो

    चुन लाता हूँ ठोक-ठठोर;

    माँ, क्या मुझको उड़ना आया?

    ‘नहीं, चुरुंगुन, तू भरमाया’

    मैं नीले अज्ञात गगन की

    सुनता हूँ अनिवार पुकार

    कोई अंदर से कहता है

    उड़ जा, उड़ता पर मार;—

    माँ, क्या मुझको उड़ना आया?

    ‘आज सुफल हैं तेरे डैने,

    आज सुफल है तेरी काया’

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    हरिवंशराय बच्चन

    हरिवंशराय बच्चन

    स्रोत :
    • पुस्तक : दूर्वा (भाग-2) (पृष्ठ 1)
    • रचनाकार : हरिवंशराय बच्चन
    • प्रकाशन : एनसीईआरटी
    • संस्करण : 2022
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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