बाघ आया उस रात
bagh aaya us raat
नोट
प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा पाँचवी के पाठ्यक्रम में शामिल है।
“वो इधर से निकला
उधर चला गया ऽऽ”
वो आँखें फैलाकर
बतला रहा था—
“हाँ बाबा, बाघ आया उस रात,
आप रात को बाहर न निकलो!
जाने कब बाघ फिर से आ जाए!”
“हाँ, वो ही ही ही! वो ही जो
उस झरने के पास रहता है
वहाँ अपन दिन के वक़्त
गए थे न एक रोज़?
बाघ उधर ही तो रहता है
बाबा, उसके दो बच्चे हैं
बाघिन सारा दिन पहरा देती है
बाघ या तो सोता है
या बच्चों से खेलता है...”
दूसरा बालक बोला—
“बाघ कहीं काम नहीं करता
न किसी दफ़्तर में
न कॉलेज में ऽऽ”
छोटू बोला—
“स्कूल में भी नहीं...”
पाँच-साला बेटू ने
हमें फिर से आगाह किया
“अब रात को बाहर होकर बाथरूम न जाना!”
- पुस्तक : रिमझिम (पृष्ठ 113)
- रचनाकार : नागार्जुन
- प्रकाशन : एनसीआरटी
- संस्करण : 2022
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