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नहीं चाहिए

nahin chahiye

अनुवाद : शंकरलाल पुरोहित

अनंत पटनायक

अनंत पटनायक

नहीं चाहिए

अनंत पटनायक

और अधिकअनंत पटनायक

    माधवी निशा का मृदु कंपन

    नहीं चाहिए, मेरी प्रिया!

    सेमल फूल रक्त्त राग में

    चंचल करता हिया!!

    नहीं प्रेम में मंदिर आवेश,

    कोई नहीं अवसाद गंध।

    अरी मुलायम स्वर में कोई

    नहीं रचित हैं मेरे छंद।

    कोटि जनों के विक्षत प्राण

    सपने में भी करते अंध।

    नवयौवन में सिक्त हृदय

    प्रलय निकट ही खड़ा हुआ।

    लक्ष्य करो निज रोष-गुमान,

    वंदना कर जाऊँ।

    यही चाह, गौरव-बोध, नहीं

    सजनि! ये कोई चाह नहीं।

    सहकार तले, वेतस कुंज में

    लिए प्रणय अर्घ्य की थाल।

    पास ले आना बाला!

    निष्ठुर मैं तो दुःख में पागल

    चूर्ण करूँगा जाकर।

    दलित नारी की करुणा लाकर

    अलता तेरे मस्तक पर मेरी

    जय यात्रा का टीका।

    विश्व में वह नर-नारी के

    घृणा-प्रेम का लेखा।

    “पदपल्लव देहि” यह अनुदार

    रचूँगा भिक्षा।

    किस परकीया को राग रंग में याद कर।

    स्तावक नहीं, भृत्य भी नहीं।

    देह का कोई शृंगार कर।

    तेरा रूप-पुष्प चिन कर

    उन्मन में किसी मधुर भाषा

    धीर हास्य में लय कर।

    लास्य में तेरे वरण नहीं करूँ।

    पण्यजीवी की दक्षता, व्याभिचार।

    नहीं मैं सजनि मिस्टिक-मति,

    सृष्टि-निरोधी, धृष्ट की गति।

    प्रीत नहीं मेरी प्लेटोनिक कोई

    पलायनवादी ही हाहाकारी शून्यता!

    पथ-पथ में यह रंजित भूल

    रक्त-रक्त में, अज्ञान शिला तले।

    अहो सजनि! मंथित प्रीत है

    कोटि अंतर काँपें सुरभि रे!

    उच्छल हलाहल में रे!

    आज भीष्म तूफ़ान में निर्वाण पाता

    कितनी हताशा के शोक उत्सव में

    मुक्त्ति की दीपराजि!

    स्वप्न विलासी प्रणय जितने

    आर्त के सार साज।

    वंदना प्रिया, नेत्र खुले,

    खोल खोल जीवन धारा,

    बुझे आज हम, ग़लतफ़हमी

    शून्य हो विलास ज्वाला!

    यौवन पुकारता गुरु गान में

    सम पदक्षेप में, समान ध्यान में।

    नर-नारी के खेल-खेल में

    झुले वह्नि की माला।

    अहो सजनि! नवयुग के मेले में,

    नाच-नाच कर चले, मृतिका गोद में

    नव-जीवन का तारा रे।

    स्रोत :
    • पुस्तक : बीसवीं सदी की ओड़िया कविता-यात्रा (पृष्ठ 62)
    • संपादक : शंकरलाल पुरोहित
    • रचनाकार : अनंत पटनायक
    • प्रकाशन : साहित्य अकादेमी
    • संस्करण : 2009

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