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गंगा मस्जिद

ganga masjid

फ़रीद ख़ाँ

फ़रीद ख़ाँ

गंगा मस्जिद

फ़रीद ख़ाँ

यह बचपन की बात है, पटना की।

गंगा किनारे वाली ‘गंगा मस्जिद’ की मीनार पर,

खड़े होकर घंटों गंगा को देखा करता था।

गंगा छेड़ते हुए मस्जिद को लात मारती,

कहती, “अबे मुसलमान, कभी मेरे पानी से नहा भी लिया कर।''

और कह कर बहुत तेज़ भागती दूसरी ओर हँसती हँसती।

मस्जिद भी उसे दूसरी छोर तक रगेदती हँसती-हँसती।

परिंदे ख़ूब कलरव करते।

इस हड़बोम में मुअज़्ज़िन की दुपहर की नींद टूटती,

और झट से मस्जिद किनारे लगती।

गंगा सट से बंगाल की ओर बढ़ जाती।

परिंदे मुअज़्ज़िन पर मुँह दाब के हँसने लगते।

मीनार से बाल्टी लटका,

मुअज़्ज़िन खींचता रस्सी से गंगा-जल।

वुज़ू करता।

अज़ान देता।

लोग भी आते,

खींचते गंगा जल,

वुज़ू करते, नमाज़ पढ़ते,

और चले जाते।

आज अट्ठारह साल बाद,

मैं फिर खड़ा हूँ उसी मीनार पर।

गंगा सहला रही है मस्जिद को आहिस्ते आहिस्ते।

सरकार ने अब वुज़ू के लिए

साफ़ पानी की सप्लाई करवा दी है।

मुअज़्ज़िन की दुपहर,

अब करवटों में गुज़रती है।

गंगा चूम-चूमकर भिगो रही है मस्जिद को,

मस्जिद मुँह मोड़े चुपचाप खड़ी है।

गंगा मुझे देखती है,

और मैं गंगा को। मस्जिद किसी और तरफ़ देख रही है।

स्रोत :
  • रचनाकार : फ़रीद ख़ाँ
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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